इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना रमजान है जिसे अरबी भाषा में रमादान कहते हैं। नौवें महीने यानी रमजान को 610 ईस्वी में पैगंबर मोहम्मद पर कुरान प्रकट होने के बाद मुसलमानों के लिए पवित्र घोषित किया गया था। रोजे रखना इस्लाम के पांच स्तंभों (कलमा, नमाज, जकात, रोजा और हज ) में से एक है। कुरान सूरा 2 के आयात 183 और 184 मे हर व्यक्ति को इस पाक महीने मे हुजूर की तरह ही सुबह से लेकर शाम सूरज डूबने तक कुछ भी खाने-पीने की मनाही है। अल्लाह रोजेदार और इबादत करने वालों की दुआ कूबुल करता है और इस पवित्र महीने में गुनाहों से बख्शीश मिलती है। Read More
मौलाना मुजीबउल्लाह कासमी ने कहा कि पवित्र रमजान महीने के मकसद को समझें और उसका पालन करें. उन्होंने कहा कि रोजा हमें भूख और प्यास की अहमियत को समझाता है. ...
जम्मू-कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार आतंकियों का मनोबल इस समय बहुत ही गिरा हुआ है और कश्मीर में गिनती के आतंकी बचे हुए हैं। उनके मुताबिक, पिछले 4 माह में 80 से अधिक आतंकियों को ढेर कर उनकी कमर तोड़ दी गई है। ...
जब दुनिया भर के देश अतिवाद के कारण आए दिन होने वाली हिंसा से जूझ रहे हैं, ऐसे में संयुक्त अरब अमीरात में मस्जिद बनाने और रमजान के पावन महीने में करीब 800 कर्मियों को इफ्तार कराने वाले एक भारतीय ईसाई धार्मिक सद्भावना की मिसाल पेश कर रहे हैं। केरल के क ...