नवरात्रि यानी 'नौ-रात'। हिन्दू धर्म में ये त्योहार वर्ष में चार बार आता है-चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ। चैत्र में चैत्र नवरात्रि और अश्विन में इस पर्व को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इन दो नवरात्रि से ठीक पहले गुप्त नवरात्रि आते हैं, जिन्हें गुप्त एवं तांत्रिक साधनाओं के लिए जाना जाता है। लेकिन हिन्दू परिवारों में चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व है और इसे ही विशेष रूप से मनाया जाता है। Read More
निर्देश में कहा गया है, यदि कोई आदेश का उल्लंघन करता हुआ मिला तो उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा और वह राशि वसूल कर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दे दी जाएगी। ...
इससे पहले कोलकाता में साल 2017 में, पूजा के आयोजकों ने मां दुर्गा को सोने की साड़ी में लपेटा था तो वहीं 2018 में उन्हें चांदी के रथ पर सवार किया था। ...
Shardiya Navratri Special: मंदिर में 551 देवी-देवताओं की मूर्तियों को बंगाली मूर्तिकारों ने बनाया था। मंदिर के संस्थापक का ऐसा दावा है कि मंदिर में विशेष एक हजार हाथ वाली महिषासुर मर्दनी विराजमान हैं, जो देशभर में कहीं और नहीं हैं। ...
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि जौ ब्रह्मा का रूप होता है। आदिकाल से पूजा-पाठ में हवन के दौरान जौ को आहुति देने की परंपरा चली आ रही है। जो लोग जौ का सम्मान करते हैं तो माना जाता है कि इससे भगवान ब्रह्मा का सम्मान होता है। ...
Navratri 4th Day, Kushmanda Puja: माता को लाल रंग बहुत प्रिय है। ऐसे में शारदीय नवरात्र के चौथे दिन माता कूष्मांडा की पूजा लाल रंग के फूल से करें। पूजा के दौरान 'ऊं देवी कूष्माण्डायै नमः' मंत्र का जाप करें। ...
kanya Puja / kanjak puja/ kanya pujan Vidhi in Navratri: कई लोग सप्तमी से कन्या पूजन शुरू कर देते हैं लेकिन जो लोग पूरे नौ दिन का व्रत करते हैं उन्हें तिथि के अनुसार नवमी और दशमी को कन्या पूजन करने के बाद ही प्रसाद ग्रहण करके व्रत खोलना चाहिए। ...
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में नौ दिन गरबा खेल कर भक्तजन मां दुर्गा को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं और अपने लिए मनचाहे फल की कामना करते हैं। ...