हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का त्योहार बेहद खास और महत्वपूर्ण माना जाता है। सूर्य के राशि परिवर्तन को ही संक्रांति कहते हैं। इस तरह साल में 12 संक्रांति आते हैं। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तभी मकर संक्रांति का पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान समय में जनवरी के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन इसे मनाया जाता है। मकर संक्रांति के साथ एक माह से चला रहा खरमास या मलमास खत्म हो जाता है और शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं। परंपराओं के अनुसार मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। साथ ही दान आदि भी किया जाता है। इस दिन तिल का महत्व काफी खास हो जाता है। तिल का दान, और इसका सेवन शुभ माना गया है। मकर संक्रांति के दिन गुजरात में अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव भी मनाया जाता है। Read More
Bihar Politics: पप्पू यादव ने कहा कि मकर संक्रांति (14 जनवरी) के बाद बिहार में सियासी खेला होगा। लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार (बड़े-छोटे भाई) में चूड़ा-दही चलेगा और खेला कर देंगे। ...
Maha Kumbh 2025: उग्र हिंदू तपस्वी नागा साधु, महाकुंभ मेले में भगवान शिव के प्रति गहन भक्ति का प्रदर्शन करते हुए, आध्यात्मिक गतिविधियों के लिए अपना जीवन समर्पित करते हैं। नीचे इन दिव्य तपस्वियों के बारे में कुछ अज्ञात तथ्य देखें। ...
मुहूर्त शास्त्र के अनुसार, विवाह का यह सीजन 16 जनवरी से शुरू हो चुका है, जो 6 मार्च 2024 को समाप्त होगा। जनवरी में विवाह के कुल 9 शुभ मुहूर्त हैं। इसी प्रकार फरवरी-मार्च में क्रमशः 13 मुहूर्त और 6 मुहूर्त हैं। ...
यहां मकर संक्रांति के बारे में दिलचस्प तथ्य दिए गए हैं, जो इसकी विविध और समृद्ध परंपराओं को प्रदर्शित करते हैं, जो इसे भारत में एक अनूठा और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण त्योहार बनाते हैं। ...
Uttarayan 2024: Date, History and Significance: मकर संक्रांति, जिसे उत्तरायण उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, आमतौर पर 14 जनवरी को मनाया जाता है, इस वर्ष यह 15 जनवरी को मनाया जा रहा है। ...