2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में जन्मे मोहनदास करमचन्द गांधी को दुनिया महात्मा गांधी के नाम से जानती है। उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सबसे अहम भूमिका निभाई थी। वे सत्य और अहिंसावादी थे। उन्होंने 200 सालों की अंग्रेजी हुकुमत को अहिंसावादी अंदोलनों से उखाड़ फेंका। इसमें स्वदेशी अंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, नमक सत्याग्रह जैसे प्रमुख आंदोलन हैं। आजादी के वक्त वह भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के खिलाफ थे। आजादी के बाद 30 जनवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। Read More
भारत की आजादी के लिए लोगों को एकजुट करने में कई जोशीले नारों ने भी बड़ी अहम भूमिका निभाई। जय हिंद, करो या मरो या तुम मुझे खून दो..मैं तुम्हें आजादी दूंगा जैसे नारों के पीछे की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। ...
1942 में भारत में अंग्रेजों के खिलाफ सबसे बड़े अहिंसक आंदोलन की शुरुआत हुई जिसने ब्रिटिश हुकूमत को हिला कर रख दिया। इस आंदोलन का साफ संदेश था अंग्रेजों भारत छोड़ो। ...
महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने तुषार गांधी द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) के जवाब में मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति आशुतोष शास्त्री की खंडपीठ को बताया कि महात्मा गांधी 140 करोड़ लोगों के ‘‘राष्ट्रपिता’’ हैं। ...
दिल्ली के जामिया नगर में आप ने महात्मा गांधी, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, शहीद भगत सिंह, शहीद सुखदेव, शहीद अशफाकउल्लाह खान के साथ बांग्लादेशी इस्लामिक स्कॉलर मौलाना महमूदुल हसन का भी फोटो लगा दिया है। यह फोटो कई महीने पहले लगाए गए थे, लेकिन इसे आजतक ठीक ...
गांधी स्मृति और दर्शन स्मृति (जीएसडीएस) की ओर से प्रकाशित पत्रिका 'अंतिम जन' का ताजा अंक विनायक दामोदर सावरकर पर आधारित है। इसकी प्रस्तावना में सावरकर की तुलना महात्मा गांधी से की गई है। ...
तोड़ी गई गांधी की प्रतिमा रमन मंडी के एक सार्वजनिक पार्क में स्थित थी। थाना प्रभारी (सदर) हरजोत सिंह मान के साथ रमन मंडी थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है। ...
टोरंटो में भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने ट्वीट करते हुए लिखा, "रिचमंड हिल के विष्णु मंदिर में महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़े जाने से हम व्यथित हैं। बर्बरता के इस आपराधिक, घृणित कृत्य ने कनाडा में भारतीय समुदाय की भावनाओं को बहुत आहत किया है। हम इस ...
गोपाल कृष्ण गांधी ने कहा कि भारत को ऐसा राष्ट्रपति मिले, जैसे कि अंतिम गवर्नर जनरल के रूप में राजाजी (सी राजगोपालाचारी) थे और जिस पद की सबसे पहले शोभा डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बढ़ाई। ...