राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए विपक्षी दलों के अनुरोध को गोपालकृष्ण गांधी ने किया अस्वीकार, कही ये बात
By मनाली रस्तोगी | Published: June 20, 2022 05:28 PM2022-06-20T17:28:48+5:302022-06-20T17:32:45+5:30
गोपाल कृष्ण गांधी ने कहा कि भारत को ऐसा राष्ट्रपति मिले, जैसे कि अंतिम गवर्नर जनरल के रूप में राजाजी (सी राजगोपालाचारी) थे और जिस पद की सबसे पहले शोभा डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बढ़ाई।
नई दिल्ली: देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी ने आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए विपक्ष के उम्मीदवार होने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। बयान जारी कर गांधी ने कहा कि विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को राष्ट्रीय सहमति बनानी चाहिए और भी होंगे जो मुझसे कहीं बेहतर करेंगे। इससे पहले राकांपा प्रमुख शरद पवार और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने भी 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का उम्मीदवार बनने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
गांधी ने कहा, "मैं उनका अत्यंत आभारी हूं। लेकिन इस मामले पर गहराई से विचार करने के बाद मैं देखता हूं कि विपक्ष का उम्मीदवार ऐसा होना चाहिए जो विपक्षी एकता के अलावा राष्ट्रीय स्तर पर आम सहमति पैदा करे।" गांधी ने कहा, "मुझे लगता है कि और भी लोग होंगे जो मुझसे कहीं बेहतर काम करेंगे। इसलिए मैंने नेताओं से अनुरोध किया है कि ऐसे व्यक्ति को अवसर देना चाहिए। भारत को ऐसा राष्ट्रपति मिले, जैसे कि अंतिम गवर्नर जनरल के रूप में राजाजी (सी राजगोपालाचारी) थे और जिस पद की सबसे पहले शोभा डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने बढ़ाई।"
पूर्व नौकरशाह गोपाल कृष्ण गांधी ने दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के रूप में भी काम कर चुके हैं। गोपालकृष्ण महात्मा गांधी के पोते और सी राजगोपालाचारी के परनाती हैं। पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए एक संयुक्त रणनीति तैयार करने के लिए नई दिल्ली में विपक्ष की बैठक बुलाई थी।