श्रम अधिनियम या श्रम कानून किसी राज्य द्वारा निर्मित उन कानूनों को कहते हैं जो श्रमिक (कार्मिकों), रोजगार प्रदाताओं, ट्रेड यूनियनों तथा सरकार के बीच सम्बन्धों को पारिभाषित करतीं हैं। श्रमिक समाज के विशिष्ट समूह होते हैं। इस कारण श्रमिकों के लिये बनाये गये विधान एक अलग श्रेणी में आते हैं। Read More
उद्योग, व्यापार, भवन निर्माण, पुल, सड़कों का निर्माण, कृषि इत्यादि समस्त क्रियाकलापों में श्रमिकों के श्रम का महत्वपूर्ण योगदान होता है और वर्तमान मशीनी युग में भी उनकी महत्ता कम नहीं है. सही मायनों में विश्व की उन्नति का दारोमदार इसी वर्ग के मजबूत क ...
यदि नया वेज कोड लागू किया जाता है, तो अगले महीने से कर्मचारियों के काम के घंटे, वेतन पुनर्गठन, पीएफ योगदान, ग्रेच्युटी पहलू और अर्जित अवकाश के नकदीकरण में बदलाव देखने को मिलेंगे। ...
इमारत इकोटेक के सेक्टर 3 में बनेगी, जिसमें इलाके की कई कंपनियां और कार्यालय हैं. प्राधिकरण द्वारा 3.10 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया जाएगा और अगले महीने बोली लगाई जाएगी. ...
अगस्त 2019 में संसद में पारित वेतन संहिता द्वारा अनिवार्य न्यूनतम वेतन को लागू करने से देश के 50 करोड़ श्रमिकों में से 40 करोड़ से अधिक के लाभान्वित होने की उम्मीद है. ...