महाकुंभ या कुंभ मेला हर 12 वर्षों में चार स्थानों - प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन, नासिक पर आयोजित किया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार देवताओं और राक्षसों का युद्ध 12 दिनों तक चला था। स्वर्ग का एक दिन पृथ्वी के एक वर्ष के समान होता है। इसलिए महाकुंभ 12 वर्षों में चार बार किया जाता है।आदि शंकराचार्य द्वारा पहली इस महा उत्सव की शुरुआत की गई थी। उन्होंने ही चार मुख्य तीर्थों को कुंभ मेले के चार पीठ के रूप में स्थापित कराया था। कुंभ मेले के दौरान देश दुनिया से दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं। सभी का एक ही मकसद होता है पवित्र स्नान में डुबकी लगाना। मान्यता है कि कुंभ मेले के दौरान पवित्र स्नान करने से पिछले और इस जन्म के सभी पाप धुल जाते हैं। Read More
Mahakumbh 2025: उन्होंने बताया कि इसके अलावा, जनवरी के पहले सप्ताह से काली घाट, यमुना की लहरों पर म्यूजिकल फाउंटेन लेजर शो भी शुरू होने जा रहा है जो प्रयागराज आने वाले पर्यटकों के लिए एक अनोखा अनुभव होगा। ...
Maha Kumbh Mela 2025:यूपी सरकार ने महाकुंभ 2025 में आने वाले गणमान्य व्यक्तियों के लिए विशेष व्यवस्था की है। यह भव्य आयोजन 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से 45 दिनों तक चलेगा। ...
Kumbh Mela 2025: महाकुंभ मेले की तैयारी में ऐसे कपड़ों का चयन करना शामिल है जो आराम सुनिश्चित करते हैं, परंपराओं का सम्मान करते हैं और आध्यात्मिक अनुभव को बेहतर बनाते हैं। ...