Mahakumbh 2025: महाकुम्भ में पहली बार 'ड्रोन शो' में होगा पौराणिक कथा का प्रदर्शन, UP Tourism करेगा आयोजित
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 28, 2024 02:35 PM2024-12-28T14:35:19+5:302024-12-28T14:36:46+5:30
Mahakumbh 2025: उन्होंने बताया कि इसके अलावा, जनवरी के पहले सप्ताह से काली घाट, यमुना की लहरों पर म्यूजिकल फाउंटेन लेजर शो भी शुरू होने जा रहा है जो प्रयागराज आने वाले पर्यटकों के लिए एक अनोखा अनुभव होगा।

Mahakumbh 2025: महाकुम्भ में पहली बार 'ड्रोन शो' में होगा पौराणिक कथा का प्रदर्शन, UP Tourism करेगा आयोजित
Mahakumbh 2025: प्रयागराज में विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को कई नये और अनोखे अनुभव प्राप्त होंगे। उत्तर प्रदेश का पर्यटन विभाग महाकुम्भ में पहली बार ड्रोन शो आयोजित करेगा जिसमें महाकुम्भ और प्रयागराज की पौराणिक कथा का प्रदर्शन होगा। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया कि महाकुम्भ मेला क्षेत्र में संगम नोज पर श्रद्धालुओं को शाम के समय आकाश में यह अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, पर्यटन विभाग मेला क्षेत्र में फ्लोटिंग रेस्टोरेंट, जल क्रीड़ा, हॉट एअर बैलून, लेजर लाइट शो जैसी गतिविधियां भी करवा रहा है। सिंह ने बताया कि महाकुम्भ की शुरुआत और समापन के समय संगम नोज पर ड्रोन शो का आयोजन किया जाएगा और यह महाकुम्भ के यात्रियों व प्रयागराज वासियों के लिए एक नया और अनोखा अनुभव होगा।
उन्होंने कहा कि लगभग 2,000 ड्रोन प्रयाग महात्म्य और महाकुम्भ की पौराणिक कथाओं का प्रदर्शन करेंगे जिसमें समुद्र मंथन और अमृत कलश निकलने के दृश्य का प्रदर्शन होगा जबकि प्रयाग के धार्मिक व आध्यात्मिक महत्व को भी दर्शाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, जनवरी के पहले सप्ताह से काली घाट, यमुना की लहरों पर म्यूजिकल फाउंटेन लेजर शो भी शुरू होने जा रहा है जो प्रयागराज आने वाले पर्यटकों के लिए एक अनोखा अनुभव होगा।
महाकुंभ मेला एक प्रमुख हिंदू समागम है जो 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 तक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित किया जाएगा। यह त्यौहार दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेलों में से एक है। इस समागम में लाखों लोग आते हैं जो गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के जल में स्नान करते हैं।
यह त्योहार लगभग 30 से 45 दिनों तक चलता है और इसमें कई प्रमुख स्नान तिथियां शामिल हैं, जिन्हें शाही स्नान के रूप में जाना जाता है, जिन्हें आध्यात्मिक सफाई के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।