पंजाब में जलियावाला बाग नरसंहार दुनिया के इतिहास और भारत की आजादी के इतिहास की भी सबसे दुखद घटनाओं में से एक है। 13 अप्रैल, 1919 को एक शांतिपूर्ण सभा के लिए जमा हुए हजारों भारतीयों पर अंग्रेज हुक्मरान ने अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं। अंग्रेजों की गोली से बचने के लिए कई महिलाएं, पुरुष और बच्चे यहां मौजूद कुएं में कूद गये थे। अपुष्ट रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें 1000 के करीब लोगों की मौत हो गई थी जबकि करीब 1500 लोग घायल हुए थे। Read More
13 अप्रैल, 1919 के दिन अंग्रेज सैनिको ने जलियांवाला बाग में शांतिपूर्ण सभा कर रहे निहत्थे भारतीयों पर गोली चला कर सैकड़ों की जान ले ली थी। इस घटना ने देश के स्वतंत्रता संग्राम का रूख मोड़ दिया था। ...
13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में हुए हत्याकांड का बदला लेने के लिए ऊधम सिंह ने अपने जीवन में 21 वर्षों तक इंतजार किया । उसके बाद उन्होंने के कैक्सटन हॉल ईस्ट इंडिया एसोसिएशन और सेंट्रल एशियन सोसायटी की एक संयुक्त बैठक में जनरल ओ डायर को गोली मार ...
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि दी और उनके बलिदानों को याद किया। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि मैं आज के दिन जलियांवाला बाग में बेरहमी से मार दिए गए शहीदों को नमन करता हूं। ...
इस घोषणापत्र के उप शीर्षक ‘प्रभावी कूटनीति’ में कहा गया है, ‘‘हम जालियांवाला बाग नरसंहार के लिए औपचारिक माफीनामा जारी करेंगे और ऑपरेशन ब्लू स्टार के संबंध में ब्रिटेन की भूमिका की समीक्षा करेंगे।’ ...
जलियांवाला बाग नरसंहार 13 अप्रैल 1919 को बैशाखी के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुआ था। ब्रिटिश इंडियन आर्मी के सैनिकों ने जनरल डायर की कमान के तहत निहत्थी भीड़ पर गोलियां चलाई थी, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे। ...
बीजिंग ओलंपिक खेलों में आठ स्वर्ण पदक जीतकर अमेरिका के तैराक माइकल फेल्प्स ने 17 अगस्त 2008 के दिन इंसानी कौशल की एक ऐसी मिसाल कायम की थी, जो दुनिया के तमाम खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणास्रोत है। ...
ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था कि अगर वह प्रधानमंत्री निर्वाचित होते हैं तो भारत के साथ ‘‘नवीन और उन्नत’’ व्यापार संबंध स्थापित करेंगे। लंदन के पूर्व मेयर जॉनसन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मजबूत ‘‘निजी संबंध रहे हैं।’’ ...
संस्कृति मंत्री प्रह्लाद सिंह ने सोमवार को लोकसभा में विधेयक को पेश किया। इसमें ट्रस्टी के तौर पर कांग्रेस अध्यक्ष के संदर्भ को ‘खत्म’ करने की मांग की गयी है। इस कदम का मकसद जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक को गैरराजनीतिक बनाना है। ...