जलियांवाला बाग नरसंहार के लिए दंडवत होकर ब्रिटिश आर्कबिशप जस्टिन वेल्बी ने मांगी माफी, इंटरनेट पर छाई तस्वीरें
By पल्लवी कुमारी | Published: September 11, 2019 11:19 AM2019-09-11T11:19:02+5:302019-09-11T11:19:02+5:30
जलियांवाला बाग नरसंहार 13 अप्रैल 1919 को बैशाखी के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुआ था। ब्रिटिश इंडियन आर्मी के सैनिकों ने जनरल डायर की कमान के तहत निहत्थी भीड़ पर गोलियां चलाई थी, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे।
ब्रिटिश आर्कबिशप जस्टिन वेल्बी ने पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग स्मारक पर दंडवत (लेटकर) होकर माफी मांगी है। जस्टिन वेल्बी इन दिनों भारत दौरे पर हैं। जस्टिन वेल्बी अपने भारत दौरे के दौरान मंगलवार ( 10 सितंबर ) को पंजाब के अमृतसर पहुंचे थे। जिस दौरान उन्होंने जलियांवाला बाग स्मारक जाकर नरसंहार के लिए दंडवत होकर माफी मांगी। जस्टिन वेल्बी की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। जस्टिन वेल्बी ने अपने अधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर की है। जस्टिन वेल्बी कैंटरबरी के आर्कबिशप है।
अमृतसर के जलियांवाला बाग में बैसाखी के दौरान 13 अप्रैल 1919 को यह नरसंहार हुआ था जब ब्रिटिश भारतीय फौज के सैनिकों ने कर्नल रेगीनाल्ड डायर की कमान में वहां स्वतंत्रता की मांग के लिए जुटे लोगों पर गोलियां चलवा दी थी। इस जनसंहार में कई लोग मारे गए थे जबकि कई घायल हो गए थे।
ट्विटर पर ट्वीट करते हुए जस्टिन वेल्बी ने लिखा, जलियांवाला बाग नरसंहार के 100 साल पूरे होने के बाद भी वो इस घटना के लिए शर्मिंदा महसूस करते हैं। जस्टिन वेल्बी ने लिखा वो इस इस जनसंहार से 'बेहद दुखी और शर्मिंदा' हैं।
100 years after the #JallianwalaBaghMassacre, as British people we can't avoid this shameful part of our colonial legacy.
— Archbishop of Canterbury (@JustinWelby) April 13, 2019
Today is a day for reflection, lament and prayer for healing between faith communities around the world. #Amritsar#JallianwalaBaghpic.twitter.com/vbVKIQlvUl
जस्टिन वेल्बी ने लिखा, जलियांवाला बाग नरसंहार ना जाने कितने निर्दोषों की जान गई, इसके लिए वो अपराध बोध महसूस करते हैं और शर्मासार है।
I feel a deep sense of grief, humility and profound shame having visited the site of the horrific #JallianwalaBagh massacre in Amritsar today.
— Archbishop of Canterbury (@JustinWelby) September 10, 2019
Here, a great number of Sikhs – as well as Hindus, Muslims and Christians – were shot dead by British troops in 1919. pic.twitter.com/p5fDprIMbr
जस्टिन वेल्बी ने लिखा, एक धार्मिक नेता के तौर पर मैं इस त्रासदी पर शोक व्यक्त करता हूं।
जलियांवाला बाग नरसंहार को लेकर लंदन में आधिकारिक रूप से माफी मांगने की मांग भी उठी थी
14 अप्रैल 2019 को जलियांवाला बाग नरसंहार के शताब्दी वर्ष पर लंदन के ‘हाऊस ऑफ लार्ड्स’ परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में ब्रिटिश सरकार से इस घटना के लिए आधिकारिक रूप से माफी मांगने की मांग की गई थी। ब्रिटिश भारतीय पत्रकार सतनाम संघीरा ने एक डॉक्यूमेंटरी के जरिए भी इस नरसंहार को लेकर माफी मांगने की मांग की है।
ब्रिटिश संसद के सदस्य एवं भारतीय मूल के लार्ड राज लूंबा और जाने माने अर्थशास्त्री लार्ड मेघनाद देसाई ने जलियांवाला बाग सेनटेनरी कोमेमोरेशन कमेटी (जेबीसीसीसी) के साथ उनके साथी सदस्य ब्रिटेन में आयोजित कई प्रदर्शनियों में शामिल हुए थे। जिनका आयोजन इस नरसंहार के शताब्दी वर्ष पर किया गया था।
लार्ड देसाई ने कहा, ‘‘13 अप्रैल 1919 का जलियांवाला नरसंहार आधुनिक इतिहास में एक बहुत दुखद घटना है। तब से सौ साल में भारत ने लंबा सफर तय किया है और इस तरह हमने कई बार अफसोस जताया जाना सुना है। ’’ लार्ड लूंबा ने कहा, ‘‘मैं नहीं जानता कि ब्रिटिश सरकार इस बाबत माफी मांगने के लिए सहमत क्यों नहीं हुई। उन्होंने इस बारे में जांच कराए जाने की मांग की कि क्या डायर ने खुद ही यह कदम उठाया था, या उसे ब्रिटिश शासन के उच्च स्तर से आदेश मिले थे।’’