हिंदू धर्म में व्रत और त्योहारों की बहुत मान्यता है। होली से लेकर दीपावली, दुर्गा पूजा आदि हिंदुओं के कुछ सबसे बड़े त्योहार हैं। वैसे, हिदुओं से जुड़े पंचांग को देखें तो व्रत और त्योहारों की संख्या काफी ज्यादा है। हर दिन किसी न किसी मायने में विशेष होता है। कई व्रत और त्योहार तो ऐसे भी हैं जिनका क्षेत्रीय आधार पर महत्व बहुत ज्यादा होता है। इसमें छठ व्रत, गणेश चतुर्थी, तीज, ओणम जैसे त्योहार शामिल हैं। Read More
विजयादशमी के दिन शस्त्र पूजन और रावण के पुतले का दहन किया जाता है। सनातन धर्म में इस पावन पर्व का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अधर्म पर धर्म, असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है। ...
आज शारदीय नवरात्रि की महानवमी तिथि है। देशभर में मां के मंदिरों में भक्तों की भीड़ है। मां के पांडालों में मां के रूप की छटा बिखरी हुई है। नवरात्रि के अंतिम दिन मां सिद्धिदात्री की आराधना होती है। इस दिन हवन, कन्या पूजन सहित मां दुर्गा की पूजा करने स ...
शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व 7 अक्टूबर से प्रारंभ हुआ था और यह पर्व महानवमी के दिन 14 अक्टूबर को समाप्त होगा। 10 अक्टूबर को नवरात्रि का चौथा दिन है, लेकिन पंचमी तिथि होने के कारण इस दिन मां दुर्गा के पांचवें रूप मां स्कंदमाता की पूजा की जाएगी। मां स् ...
शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। इस पर्व में मां शक्ति के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के चतुर्थी तिथि के दिन मां कूष्मांडा की पूजा का विधान है। हालांकि इस साल तृतीया और चतुर्थी तिथि एक ही दिन पड़ रही हैं। ऐसे में मां चंद्रघंटा और मां ...
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा का विधान है। मां दुर्गा ने यह रूप असुरों के संहार के लिए धारण किया था। मां चंद्रघंटा ने ही महिषासुर का वध कर देवताओं को उसके आतंक से मुक्त करवाया। ...
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की आराधना की जाती है। ब्रह्मचारिणी मां दुर्गा माता का दूसरा रूप हैं। मां ब्रह्माचारिणी अपने भक्तों की सभी मनाकोमनाओं को पूर्ण कर उनके जीवन में आने वाली परेशानियों को दूर करती हैं। ...
इस बार सर्व पितृ अमावस्या के दिन 11 सालों बाद गजछाया योग का निर्माण हो रहा है। इसमें सूर्य और चंद्रमा दोनों ही हस्त नक्षत्र में होंगे। सर्व पितृ अमावस्या का दिन पितृजनों का तर्पण और पिंडदान करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाती है। ...
करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए निर्जल व्रत का पालन करती हैं और चंद्र देव के दर्शन करने के बाद ही जल ग्रहण कर इस व्रत का पारण किया जाता है। ...