Navratri 2021: नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को है समर्पित, जानें पूजा विधि, मंत्र और कथा

By रुस्तम राणा | Published: October 8, 2021 03:46 PM2021-10-08T15:46:50+5:302021-10-08T15:52:31+5:30

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा का विधान है। मां दुर्गा ने यह रूप असुरों के संहार के लिए धारण किया था। मां चंद्रघंटा ने ही महिषासुर का वध कर देवताओं को उसके आतंक से मुक्त करवाया।

Navratri 2021 third day of Navratri maa Chandraghanta puja vidhi mantra and katha | Navratri 2021: नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को है समर्पित, जानें पूजा विधि, मंत्र और कथा

मां चंद्रघंटा

Highlightsमां चंद्रघंटा अपने भक्तों के भय और संकट को दूर करने वाली हैं। मां ने महिषासुर वध कर देवताओं को उसके आतंक से मुक्त करवाया।

शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व चल रहा है। माता रानी के मंदिरों में दर्शक दर्शन करने के लिए जा रहे हैं। नवरात्रि के तीसरे दिन माता रानी के तीसरे अवतार मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां चंद्रघंटा अपने भक्तों के भय और संकट को दूर करने वाली हैं। उनकी दस भुजाएं और हाथों में शस्त्र, कमल पुष्प और कमंडल हैं और वे शेर पर सवार हैं। माता का यह स्वरूप सूर्य देव के समान तेज है। धार्मिक मान्यता है कि जो कोई भक्त माता रानी के इस रूप की सच्चे मन से पूजा करता है उस व्यक्ति के अंदर वीरता, साहस, शौर्य और पराक्रम का भाव जागृत होता है। 

इस विधि करें मां चंद्रघंटा की पूजा

सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर व्रत और पूजा का संकल्प लें। मां को गंगाजल से स्नान करा कर वस्त्र अर्पित करें। मां को श्रृंगार अर्पित करें। उन्हें सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप-दीप, पुष्प, फल प्रसाद आदि से देवी की पूजा करें। उन्हें दूध या दूध से बनी किसी भी मिठाई का भोग लगाएं। दुर्गा चालीसा का पाठ करें और अंत में आरती करें। 

मां चंद्रघंटा का मंत्र

पूजा के दौरान ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः मंत्र का जाप करें।

मां चंद्रघंटा की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर ने देवाताओं पर विजय प्राप्‍त कर इंद्रदेव के सिंहासन पर कब्जा कर लिया। उसके आतंक से समस्त देवतागण परेशान हो गए और इस समस्‍या से निकलने का उपाय जानने के लिए ब्रह्मा, विष्‍णु और महेश तीनों देवताओं के समक्ष जा पहुंचे। यह सुनकर त्रिदेव क्रोधित हो गए और तीनों के मुख से ऊर्जा उत्‍पन्‍न हुई। तीनों देवों के शरीर से निकली ऊर्जा भी उस ऊर्जा से जाकर मिल गई। तभी वहां एक देवी का अवतरण हुआ। भगवान शंकर ने देवी को त्र‍िशूल और भगवान विष्‍णु ने चक्र प्रदान किया। इसी प्रकार अन्‍य देवी देवताओं ने भी माता के हाथों में अस्‍त्र शस्‍त्र दिए। इंद्र ने माता को एक घंटा दिया और सूर्य देव ने अपना तेज और तलवार। देवी अब महिषासुर से युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार थीं। मां ने एक ही झटके में ही दानवों का संहार कर दिया। इस युद्ध में मां ने महिषासुर का वध कर देवताओं को उसके आतंक से मुक्त करवाया। 
 

Web Title: Navratri 2021 third day of Navratri maa Chandraghanta puja vidhi mantra and katha

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