आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा या व्यास पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन गुरु का पूजन किया जाता है। समूचे भारतवर्ष में गुरु पूर्णिमा बड़ी श्रद्वा भक्ति से मनाई जाती है। सभी शिष्य अपने-अपने गुरु का पूजन करते हैं। चारों वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अर्थवेद के प्रथम प्रख्याता व पराशर ऋषि के पुत्र कृष्ण द्वैपायन का पूजन विशेष रूप से किया जाता है। वेदों का ज्ञान हमें व्यासजी से प्राप्त हुआ है, इसलिए वही आदिगुरु है। व्यासजी की स्मृति बनाए रखने के लिए हमें अपने अपने गुरु को व्यास जी का अंश मानकर श्रद्वा भक्ति से उनका पूजन करना चाहिए। Read More
भारतीय परंपरा में गुरु -शिष्य परंपरा हजारों वर्ष पुरानी रही है तथा इसी परंपरा में चंद्रग्रहण मंगलवार, 16 जुलाई को मध्यरात्रि उपरांत लग रहा है. सूतक को लेकर शंका-कुशंकाएं बनी हुई हैं कि- सूतक में गुरु -शिष्य परंपराओं का निर्वाह कैसे हो? पूजा कैसे हो ? ...
गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार 16 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पड़ रहा है। प्राचीन काल में इस दिन शिष्य श्रद्धा से अपने गुरु की पूजा करते थे। ...
चंद्र ग्रहण 16 व 17 जुलाई की मध्य रात्रि के बाद शुरू होगा। भारत में चंद्रग्रहण का स्पर्श 16 जुलाई की देर रात 1.31 बजे शुरू होगा और इसका मध्य तीन बजे होगा। ...
गुरु और उनके आश्रमों या पाठशालाओं ने आज के बोर्डिग स्कूलों की तरह भूमिका निभाई है और छात्रों का पूरा बचपन तथा किशोरावस्था भी गुरुकुल में ही बीतती थी, जहां वे ब्रह्मचर्य का पालन करते थे। लेकिन तब भी ऐसा कोई नियम नहीं था कि वे किसी माह या दिन विशेष को ...
गुरु पूर्णिमा विशेष 2018-Quotes, Whatsapp and Facebook Status in Hindi: गुरु और शिष्य के पवित्र रिश्ते को याद करने और मनाने का दिन गुरु पूर्णिमा आज यानी 27 जुलाई को है। हिन्दू धर्म में बेहद महत्व रखने वाले इस दिन को महर्षि वेद व्यास के जन्मदिन के रूप ...
हिन्दू धर्म के अनुसार वट के वृक्ष यानी बरगद के पेड़ पर ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों का वास होता है। इसलिए गुरु पूर्णिमा पर लोग वट वृक्ष की भी पूजा करते हैं ताकि तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। ...