Guru Purnima 2019: गुरु पूर्णिमा 17 जुलाई को, जानिए इसका महत्व और क्यों मनाया जाता है ये पर्व

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 8, 2019 12:59 PM2019-07-08T12:59:36+5:302019-07-08T16:15:55+5:30

गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार 16 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पड़ रहा है। प्राचीन काल में इस दिन शिष्य श्रद्धा से अपने गुरु की पूजा करते थे।

Guru Purnima 2019 festival date in India, its importance and story related to it | Guru Purnima 2019: गुरु पूर्णिमा 17 जुलाई को, जानिए इसका महत्व और क्यों मनाया जाता है ये पर्व

गुरु पूर्णिमा-2019

Highlightsगुरु के महत्व को समर्पित है गुरु पूर्णिमा का पावन पर्वगुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है

शास्त्रों में गुरु को ईश्वर से भी श्रेष्ठ माना गया है। ऐसा इसलिए कि गुरु ही शिक्षा के मार्ग पर ले जाते हैं और इस संसार में बारंबार आने-जाने के कष्ट से मुक्ति की राह दिखाते हैं। गुरु के इसी महत्व को याद करते हुए हर वर्ष गुरु पूर्णिमा मनाई जाती है। वैसे भी, यह गुरु की शिक्षा और बताये हुए मार्ग ही होते हैं जिसका पालन करते हुए व्यक्ति शांति और मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। यहां तक कि महान संत और कवि कबीरदास ने भी गुरु की महिमा को ईश्वर से ऊपर बताया है- 

गुरु गोविन्द दोनों खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरु आपनो, गोविंद दियो बताय॥

Guru Purnima 2019: गुरु पूर्णिमा कब है, क्या है तारीख

गुरु पूर्णिमा हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार 16 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पड़ रहा है। प्राचीन काल में इस दिन शिष्य श्रद्धा से अपने गुरु की पूजा करते थे। प्राचीन काल में भारत में यह परंपरा थी कि शिष्य अपने गुरु के साथ ही गुरुकुल में रहकर शिक्षा ग्रहण करते थे। गुरु निशुल्क अपने शिष्यों को ज्ञान देते थे। बदले में शिष्य अपने छात्र जीवन तक उनके साथ रहकर उनकी सेवा किया करते थे। इसमें भिक्षा मांग कर लाने से लेकर खाना पकाने के लिए लकड़ियों को इकट्ठा करने और आश्रम में रहने वाली गायों की सेवा तक के काम शामिल थे।

Guru Purnima 2019: गुरु पूर्णिमा का महत्व क्या है

हिंदू मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन को महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्मदिवस भी मनाया जाता है। साथ ही सभी 18 पुराणों का रचयिता भी महर्षि वेदव्यास को माना जाता है। वेदों को विभाजित करने का भी श्रेय व्यास जी को जाता है। 
वेदव्यास जी को आदिगुरु भी कहते हैं और इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

English summary :
In the scriptures, the guru is considered superior to God. That is because the gurus take on the path of education and show the path of liberation from time to time in the world. Remembering the importance of the guru, Guru Purnima is celebrated every year.


Web Title: Guru Purnima 2019 festival date in India, its importance and story related to it

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