गुरु पूर्णिमा विशेष: सुखद भविष्य के लिए करें ये 5 उपाय, जानें पूजा विधि

By गुलनीत कौर | Published: July 27, 2018 07:50 AM2018-07-27T07:50:22+5:302018-07-27T07:50:22+5:30

हिन्दू धर्म के अनुसार वट के वृक्ष यानी बरगद के पेड़ पर ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों का वास होता है। इसलिए गुरु पूर्णिमा पर लोग वट वृक्ष की भी पूजा करते हैं ताकि तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। 

Guru Purnima 2018: Guru purnima importance, puja vidhi, what to do on guru purnima | गुरु पूर्णिमा विशेष: सुखद भविष्य के लिए करें ये 5 उपाय, जानें पूजा विधि

गुरु पूर्णिमा विशेष: सुखद भविष्य के लिए करें ये 5 उपाय, जानें पूजा विधि

गुरु और शिष्य के पवित्र रिश्ते को दर्शाती गुरु पूर्णिमा इस वर्ष 27 जुलाई को है। गुरु पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में बेहद महत्व है। यह दिन महर्षि वेद व्यास के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। किन्तु यह दिन मॉडर्न होते जा रहे समाज में भी शिष्यों को अपने गुरु का महत्व बताता है। गुरु पूर्णिमा के दिन विशेष पूजन और दान-पुण्य कर्म भी किए जाते हैं। 

गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु , गुरुर देवो महेश्वरः,

गुरुर साक्षात परम ब्रह्म , तस्मै श्री गुरुवे नमः

अर्थात, गुरु ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं। गुरु का स्थान संसार में सर्वोच्च है। गुरू को नमन।

गुरु पूर्णिमा के महत्व को समझते हुए इसदिन कई धार्मिक कर्म किए जाते हैं। जैसे कि:

1. व्रत करें

यूं तो प्रत्येक पूर्णिमा पर हिन्दू धर्म में उपवास करने का महत्व है, लेकिन आषाढ़ मास की गुरु पूर्णिमा के व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसदिन लोग व्रत करते हैं और सबसे बड़े विद्वास महर्षि वेद व्यास का पूजन भी करते हैं। मान्यता है कि इसदिन व्रत करने से सुखद भविष्य की प्राप्ति होती है। 

2. गुरु पूजन

गुरु पूर्णिमा के दिन महार्ष वेद व्यास या फिर भगवान विष्णु या लोग अपने ईष्ट देवता की पूजा भी करते हैं। भविष्य में आने वाली अड़चनों को गुरु पूर्णिमा के पूजन से कम किया जा सकता है। 

3. खीर दान करें

हिन्दू धर्म की मान्यतानुसार गुरु पूर्णिमा के दिन खीर दान करनी चाहिए। ऐसा करने से मानसिक शांति मिलती है। लेकिन ध्यान रहे कि इस खीर को रात में बनाकर बांटें।

4. बरगद की पूजा

हिन्दू धर्म के अनुसार वट के वृक्ष यानी बरगद के पेड़ पर ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों का वास होता है। इसलिए गुरु पूर्णिमा पर लोग वट वृक्ष की भी पूजा करते हैं ताकि तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें। 

5. गुरु को सम्मान

गुरु पूर्णिमा के दिन अपने गरू से मिलें, बात करें, उनका आशीर्वाद ग्रहण करें। शास्त्रों में गुरु को जीवन का महत्वपूर्ण पात्र बताया जाता है। गुरु के मार्गदर्शन से ही जीवन में सफलता हासिल होती है। इसलिए सफल होना हो तो इनका आशीर्वाद जरूर लें। 

गुरु पूर्णिमा पूजा विधि:

यदि गुरु पूर्णिमा के दिन आप पूजा करने जा रहे हैं तो हम आपको शास्त्रीय विधि बता देते हैं। गुरु पूर्णिमा की सुबह जल्दी उठकर स्नान करे, साफ-सुथरे वस्त्र पहनें और फिर किसी साफ जगह या मंदिर में ही जमीन पर सफेद चादर बिछा लें। इस चादर पर 12-12 रेखाएं बनाकर व्यास-पीठ बना लें। 

इसके बाद इस मंत्र को एक बार पढ़कर पूजा का संकल्प लें-  'गुरुपरंपरासिद्धयर्थं व्यासपूजां करिष्ये'। संकल्प लेने के बाद हाथ में अक्षत लें और थोड़ा-थोड़ा सभी दिशाओं में फेंकें।

अब आप जिस गुरु की पूजा करने जा रहे हैं उनके मन्त्र का जाप करें। धूप या अगरबत्ती से गुरु की मूर्ति या तस्वीर की पूजा करें। प्रसाद का भोग लगाएं और इस प्रसाद को सभी में बांटें।

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