फास्टैग एक ऐसा डिवाइस होता है जिसे गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगा दिया जाता है। RFID टेक्नॉलॉजी पर बेस्ड यह फास्टैग लगी गाड़ी जैसे ही टोल से गुजरती है तो रेडियो फ्रीक्वेंसी टेक्नॉलॉजी की मदद से फास्टैग स्कैन हो जाता है। स्कैन होते ही आपके बैंक खाते या फिर अन्य UPI आधारित गूगल पे, पेटीएम, भीम एप से पैसे कट जाते हैं। ऐसे में आपको लंबी लाइन में लगकर मैन्युअल तरीके से पैसे देकर टोकन लेने की जरूरत नहीं पड़ती। Read More
यदि आपने अभी तक अपने वाहन के लिए FASTag नहीं खरीदा है, तो भारत के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर आज से दोगुना टोल शुल्क देने के लिए तैयार हो जाइए। 15 दिसंबर से प्रभावी होने के साथ, सरकार ने सभी लेन में टोल शुल्क FASTag के माध्यम से ही लेना शुरू कर दिया ...
फास्टैग (FASTags) एक ऐसा डिवाइस होता है जिसे गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगा दिया जाता है। RFID टेक्नॉलॉजी पर बेस्ड यह फास्टैग लगी गाड़ी जैसे ही टोल से गुजरती है तो रेडियो फ्रीक्वेंसी टेक्नॉलॉजी की मदद से फास्टैग स्कैन हो जाता है। ...
फास्टैग गाड़ियों में लगाया जाने वाला एक ऐसा स्टीकर है जिसकी मदद से आपका टोल चार्ज वसूला जाएगा। इसके लिये अब आपको लाइन में लगने की पैसे देने की जरूरत नहीं होगी। ...
फास्टैग की अनिवार्यता की तारीख भले ही बढ़ाकर 15 दिसंबर कर दी गई है लेकिन उसके बाद भी बिना फास्टैग वाली गाड़ी के फास्टैग वाले लेन में घुसने पर दोगुना टोल वसूला जाएगा। ...
देश में कुल 537 टोल प्लाजा हैं जिनमें से 412 टोल प्लाजा पूरी तरह से फास्टैग से युक्त हो चुके हैं। शेष बचे प्लाजा को भी 30 नवंबर तक पूरी तरह से फास्टैग सुविधा युक्त कर दिया जाएगा। ...