हिन्दू पंचांग के अनुसार एक साल में कुल 24 एकादशियां पड़ती हैं। सभी एकादशियों में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण निर्जला एकादशी का व्रत है। इसके करने से सभी एकादशियों का फल साधक को मिलता है। ऐसी भी मान्यता है कि निर्जला एकादशी को महाभारत काल में पांडु पुत्र भीम ने किया था। इसलिए इसे भीम एकादशी भी कहते हैं। Read More
योगिनी एकादशी करने से 88 हजार ब्राह्मणों के दान के बराबर फल मिलता है। इस व्रत के बाद आती है देवशयनी एकादशी। जिसमें भगवान विष्णु चार महीने के लिए शयन में चले जाते हैं। ...
साल में 24 एकादशी पड़ती है। आषाढ़ माह में पड़ने वाली योगिनी एकादशी को हिन्दू धर्म में महत्वपूर्ण बताया जाता है। योगिनी एकादशी का व्रत हर साल आषाढ़ कृष्ण पक्ष की एकादशी को पड़ता है। एकादशी का हर व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। योगिनी एकादशी के दिन भग ...
आषाढ़ के महीने में ही देवशयनी एकादशी पड़ती है। जिसे हिन्दू शास्त्रों में महत्पूर्ण बताया गया है। आषाढ़ के महीने में लोगों को ज्येष्ठ माह की गर्मी से राहत मिलती है। ...
निर्जला एकादशी को साल की कुछ महत्वपूर्ण एकादशी में गिना जाता है। मान्यताओं के अनुसार निर्जला एकादशी का व्रत ऐसा है जिसे करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं। ...
निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ मास में शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को पड़ता है. इस एकादशी व्रत में पानी पीना वर्जित माना जाता है इसलिए इस एकादशी को निर्जला कहते है. इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है. मान्यता है की निर्जला एकादशी पर निर्जल रहकर ...