हिन्दू पंचांग के अनुसार एक साल में कुल 24 एकादशियां पड़ती हैं। सभी एकादशियों में भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण निर्जला एकादशी का व्रत है। इसके करने से सभी एकादशियों का फल साधक को मिलता है। ऐसी भी मान्यता है कि निर्जला एकादशी को महाभारत काल में पांडु पुत्र भीम ने किया था। इसलिए इसे भीम एकादशी भी कहते हैं। Read More
कामिका एकादशी का व्रत आध्यात्मिक शांति, पुण्य लाभ और प्रभु कृपा पाने का सुनहरा अवसर है। इस दिन भगवान विष्णु की भक्ति और सेवा से जीवन की कठिनाइयों का समाधान पाया जा सकता है। ...
वर्ष 2025 में चतुर्मास 6 जुलाई से शुरू होकर 2 नवंबर को समाप्त होगा। इस दौरान भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं और किसी भी शुभ कार्य की मनाही मानी जाती है। ...
इस साल योगिनी एकादशी व्रत 21 जून, शनिवार को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 21 जून सुबह 7 बजकर 18 मिनट से शुरू होकर 22 जून को सुबह 4 बजकर 27 मिनट तक रहेगी। ...
जो श्रद्धालु साल की सभी चौबीस एकादशियों का उपवास करने में सक्षम नहीं है उन्हें केवल निर्जला एकादशी उपवास करना चाहिए क्योंकि निर्जला एकादशी उपवास करने से दूसरी सभी एकादशियों का लाभ मिल जाता हैं। ...
इसे 'वरूथिनी' अर्थात् 'रक्षा करने वाली' एकादशी भी कहा जाता है, जो व्रती को न केवल सांसारिक संकटों से बचाती है, बल्कि मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त करती है। ...
हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह समस्त प्रकार के पापों से मुक्ति दिलाने वाला व्रत होता है। कहते हैं जो कोई भी इस व्रत को विधि-विधान और सच्चे मन से करता है उसके सारे पाप और कष्ट मिट जाते हैं। ...