स्वदेशी एलआरएसएएम रक्षा प्रणाली विकसित करने के बाद भारत हवा में ही दुश्मन के ड्रोन और लड़ाकू विमानों को निशाना बना पाएगा। इस तरह की तकनीकी क्षमता दुनिया के केवल चुनिंदा देशों के पास ही है। ...
भारत में बने ये ड्रोन 30 घंटे तक लगातार उड़ान भरने में सक्षम होंगे। हाल के दिनों में चीन से लगती सीमा पर उंचाई वाले इलाकों में जिन चुनौतियों का सामना भारतीय सेना और वायुसेना कर रही हैं, वैसे हालात में ये ड्रोन सेनाओं के निगरानी तंत्र को और मजबूत करें ...
भारत-फ्रांस के संयुक्त बयान के अनुसार, दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में बढ़ते सहयोग के बीच, भारत पेरिस में अपने दूतावास में DRDO (रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन) का एक तकनीकी कार्यालय स्थापित कर रहा है। ...
Chandrayaan-3 Launch Updates: अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र के दूसरे ‘लॉन्च पैड’ से अपराह्न 2.35 बजे निर्धारित समय पर धुएं का घना गुबार छोड़ते हुए शानदार ढंग से आकाश की ओर रवाना हुआ। प्रक्षेपण के सोलह मिनट बाद प्रक्षेपण माड्यूल रॉकेट से अलग हो गया। ...
फिलहाल भारत के टी-72 और टी-90 टैंक चीन से लगती ऊंची पहाड़ियों पर तैनात हैं। हालांकि इनको देपसांग के मैदानी इलाकों में चलाना तो आसान है लेकिन पहाड़ों पर तेजी से इनकी जगह बदलना मुश्किल। इसलिए हल्के टैंक की जरूरत महसूस की जा रही था जिसकी कमी जोरावर पूर ...