Honeytrap: पाक एजेंट पर मुरीद था DRDO का वैज्ञानिक; कई मिसाइल प्रोजेक्ट की जानकारी की लीक, ATS की चार्जशीट में खुलासा
By अंजली चौहान | Published: July 8, 2023 11:46 AM2023-07-08T11:46:05+5:302023-07-08T11:49:18+5:30
एटीएस के एफआईआर के अनुसार, डीआरडीओ के वैज्ञानिक कुरुलकर ने पाक एजेंट के साथ भारत की कई मिसाइल परियोजनाओं की जानकारी साझा की।
Honeytrap: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को गोपनीय जानकारी मुहैया कराने के आरोप में मई में गिरफ्तार किए गए डीआरडीओ वैज्ञानिक प्रदीप कुरुलकर के खिलाफ महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने पुणे अदालत में आरोप पत्र दायर किया।
हनीट्रैप में फंसे डीआरडीओ के वैज्ञानिक ने भारत के कई मिसाइल परियोजनाओं की जानकारी लीक करने का आरोप है। एटीएस ने अपनी चार्जशीट में कई खुलासे करते हुए दावा किया है कि कुरुलकर ने पाकिस्तानी खुफिया संगठन (पीआईओ) के लिए काम करने वाली जारा दासगुप्ता के साथ संवेदनशील और वर्गीकृत जानकारी साझा की थी।
गौरतलब है कि एटीएस ने 1800 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। मामले में जांच एजेंसी अब तक 203 गवाहों के बयान दर्ज कर चुकी है।
इस चार्जशीट में लिखा गया है कि कुरुलकर ने उनसे अन्य वर्गीकृत रक्षा परियोजनाओं के अलावा भारतीय मिसाइल प्रणालियों के बारे में बातचीत की। आरोप पत्र के अनुसार, कुरुलकर और जारा दासगुप्ता व्हाट्सएप के साथ-साथ वॉयस और वीडियो कॉल के माध्यम से संपर्क में थे।
एटीएस ने कहा कि पाकिस्तानी एजेंट दासगुप्ता, जिसने खुद को ब्रिटेन में रहने वाला सॉफ्टवेयर इंजीनियर बताया था ने अश्लील संदेश और वीडियो भेजकर कुरुलकर से दोस्ती की। एटीएस ने आरोप पत्र में कहा कि जांच के दौरान उसका आईपी पता पाकिस्तान का पाया गया।
महाराष्ट्र एटीएस ने आरोप पत्र में यह भी दावा किया है कि कुरुलकर ने अपने फोन पर कुछ सॉफ्टवेयर डाउनलोड किया था जिसमें मैलवेयर था और सॉफ्टवेयर की मदद से पाकिस्तानी खुफिया संगठन संवेदनशील जानकारी प्राप्त कर सकता था।
DRDO वैज्ञानिक और पाक जासूस के बीच चैट
पाक जासूस और डीआरडीओ के वैज्ञानिक के बीच चैट का दावा किया गया है जिसमें पाकिस्तानी जासूस ने वैज्ञानिक को 'बेब' कहकर संबोधित किया। पाकिस्तानी एजेंट ने गोपनीय और संवेदनशील जानकारी हासिल करने की कोशिश की।
इसमें कहा गया है कि पाकिस्तानी एजेंट ने अन्य चीजों के अलावा ब्रह्मोस लॉन्चर, ड्रोन, यूसीवी, अग्नि मिसाइल लॉन्चर और मिलिट्री ब्रिजिंग सिस्टम के बारे में वर्गीकृत और संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की।
आरोपपत्र में कहा गया है, "कुरुलकर, जो उसकी ओर आकर्षित था, उसने डीआरडीओ की वर्गीकृत और संवेदनशील जानकारी अपने निजी फोन पर संग्रहीत की और फिर कथित तौर पर इसे जारा के साथ साझा किया।"
इसमें आगे कहा गया है कि एजेंट कुरुलकर और दासगुप्ता ने सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम), ड्रोन, ब्रह्मोस और अग्नि मिसाइल लॉन्चर और यूसीवी सहित विभिन्न परियोजनाओं के बारे में बात की है।
एटीएस के मुताबिक, दोनों जून 2022 से दिसंबर 2022 तक संपर्क में थे। आरोप पत्र के अनुसार, पाकिस्तानी जासूस कुरुलकर से जुड़े प्रोजेक्टों से संबंधित लिंक भेजती थी और फिर कुरुलकर उन प्रोजेक्टों के बारे में विस्तृत जानकारी उसके साथ साझा करता था।
बता दें कि डीआरडीओ के वैज्ञानिक को 3 मई को आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था और अब वह न्यायिक हिरासत में हैं।
बता दें कि कुरुलकर एक उत्कृष्ट वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) की एक प्रमुख सिस्टम इंजीनियरिंग प्रयोगशाला, अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (इंजीनियर) [आर एंड डीई (ई)] के निदेशक का पदभार संभाला है। उन्होंने कई मिसाइल प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभाई है और कई बेहतरीन काम किए हैं।