कार्तिक महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है. भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी के चार महीने बाद इसी दिन अपनी निंद्रा तोड़कर जागते हैं. इस दिन तुलसी विवाह कराने की परंपरा है और तुलसी के पौधे का श्रृंगार दुल्हन की तरह किया जाता है. ऐसी ...
ऐसा माना जाता है कि जिन लोगों की कन्याएं नहीं होती हैं और वह कन्या दान का पुण्य कमाना चाहते हैं उन्हें देवी तुलसी का विवाह कराने से कन्या दान का पुण्य प्राप्त होता है. ...
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी होती है। कहा जाता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी को देव-शयन हो जाते हैं और फिर चातुर्मास के समापन कार्तिक शुक्ल एकादशी के दिन देवउठनी-उत्सव होता है। ...
हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण होता है। पूरे वर्ष में चौबीस एकादशी होती हैं। लेकिन अगर किसी वर्ष मलमास है तो इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। इन्हीं में से एक एकादशी होती है देवउठनी। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठन ...
हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को तुलसी विवाह का आयोजन होता है। इस वर्ष तुलसी विवाह 25 नवंबर को है। इस दिन तुलसी की भगवान शालिग्राम से विधिपूर्वक विवाह किया जाता है। ...
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवउठनी एकादशी (Dev uthani ekadashi 2020) कहा जाता है. इस दिन ना सिर्फ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है बल्कि इसी दिन तुलसी जी और शालीग्राम की शादी का विधान भी है। सनातन धर्म के अनुसार तुलसी का विवाह शालिग्राम से ...
उज्जैन। रविवार देर रात महाकाल मंदिर से भगवान की सवारी गोपाल मंदिर भगवान श्री हरि से मिलन के लिए रवाना।गोपाल मंदिर के गर्भगृह में होगा दोनों का मिलन।यंहा भगवान श्री हरि (विष्णुजी) की ओर से भगवान श्री हर (शिव जी)को तुलसी दल की माला भेंट की जाएगी। भगवान ...
कार्तिक महीने में आनेवाली पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है. इस साल 12 नवंबर को कार्तिक मॉस की पूर्णिमा है. इसी तिथि पर गुरुनानक देव की जयंती भी है. हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा और देव दीपावली भी कहते हैं. पौराणि ...