राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद 12 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून लागू हो गया है। इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता (संशोधन) विधेयक शीतकालीन सत्र 2019 में राज्यसभा द्वारा और सोमवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था। इसके पारित होने के बाद से ही पूर्वोत्तर सहित देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे है। कई राजनीतिक संगठन इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच हैं। Read More
पश्चिम बंगाल सरकार ने सीएए के खिलाफ 27 जनवरी को विधानसभा में एक प्रस्ताव लाने का भी फैसला किया है। इससे पहले केरल और पंजाब भी इस तरह के कदम उठा चुके है। ...
सीएए और एनआरसी को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा के दिये गये बयानों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को आड़े हांथ लेते हुए नसीहत भी दी है. ...
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव पवन वर्मा ने 21 जनवरी को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ‘विस्तृत बयान’ देने की मांग की थी। ...
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर निशाना साधाते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ...
कानून के समर्थन में जनमत बनाने के भाजपा के राष्ट्रव्यापी अभियान के तहत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ रैली में शिरकत करेंगे। ...
कानपुर के साकेतनगर स्थित मैदान में बुधवार को सीएए के समर्थन में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ...
जमीयत प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने एक बयान में कहा, ‘‘स्थगन का अंतरिम आदेश नहीं दिया जाना मायूसी भरा है।’’ मदनी ने कहा, ‘‘कुछ लोग इस असंवैधानिक कानून को हिंदू-मुस्लिम का रंग देने की कोशिश कर रहे है जबकि यह कानून देश की संवैधानिक व्यवस्था के विपरीत है।’ ...
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने इस कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली तमाम याचिकाओं पर जवाब देने के लिये केन्द्र को चार सप्ताह का वक्त देने के साथ ही सभी उच्च न्यायालयों को इस माम ...