आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
कश्मीर में 5 अगस्त के बाद से शटडाउन चल रहा है। लाखों लोगों को नौकरियों का नुकसान हुआ है, वित्तीय संस्थानों के उधारकर्ताओं ने अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की क्षमता खो दी है और बड़ी संख्या में खातों के दिवालिया होने की संभावना है। कई व्यावसायिक प्र ...
अन्य देशों ने पुष्टि की कि चीन ने इस मामले में विशेषाधिकार होने के बावजूद बल व बुद्धि के बीच बुद्धि को ही चुना है। फ्रांसीसी राजनयिक सूत्रों ने कहा, “सुरक्षा परिषद में आज कश्मीर पर चर्चा नहीं की जाएगी ...
खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि केवीआईसी ने 2016 में नैपकिन बनाने का केंद्र नगरोटा (जम्मू-कश्मीर) में स्थापित किया था। यह केंद्र उन परिवारों के लिये स्थापित किया गया था जो घाटी के आतंकवाद से प्रभावित क्षेत ...
विधानसभा में विपक्ष के नेता स्टालिन यहां संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ आयोजित विरोध प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय दोगुना करने और प्रति साल दो करोड़ रोजगार देने के अपने चुनावी वादे पू ...
पिछले कुछ दिनों से राज्य में पूर्वोत्तर की तरह धारा 371 लागू कर राज्य के लोगों को विशेषाधिकार देने की चर्चा स्थानीय भाजपा नेता छेड़े हुए हैं। हालांकि कल देर रात राजभवन ने इसके प्रति विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया है कि जम्मू कश्मीर के लिए केंद्र की ओर ...
नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 बीते बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका था। गुरुवार देर रात राष्ट्रपति की ओर से इसे मंजूरी मिलने के बाद यह विधेयक कानून में बदल गया। ...
14 फरवरी को पुलवामा में हुए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी हमले से लेकक नागरिकता कानून के खिलाफ असम में हो रही हिंसा तक, नेशनल सिक्योरिटी के मुद्दे पर मोदी सरकार की प्रतिक्रिया बेहद प्रभावशाली रही है। ...
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के रिपोर्ट पर कहा कि ऐसा लगता है कि गलत सूचना फैलाई गई और किसी भी नाबालिग को गैरकानूनी रूप से डिटेन नहीं किया गया। ...