आर्टिकल 370 के प्रावधान के तहत जम्मू कश्मीर को विशेषाधिकार दिए जाते हैं। इसके अनुसार भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी प्रस्ताव, नियम या नीति में बदलाव जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होता। जम्मू कश्मीर राज्य का अपना संविधान और झंडा है। देश में घोषित आपातकाल या आर्थिक आपातकाल कश्मीर में लागू नहीं होता। भारत की संसद जम्मू कश्मीर की विधानसभा भंग नहीं कर सकती। अनुसूचित जाति और अनिसूचित जनजाति सम्बंधी नियम जम्मू कश्मीर में लागू नहीं होते। Read More
इस बैठक में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी भाग लिया। मुफ्ती को 14 महीने की हिरासत के बाद मंगलवार को छोड़ा गया। ...
अनुच्छेद 370ः चार अगस्त 2019 की शाम को डा फारूक अब्दुल्ला के निवास पर महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, अवामी नेशनल कांफ्रेंस के मुजफ्फर शाह, कांग्रेस नेता जीए मीर व कश्मीर के अन्य छोटे बड़े राजनीतिकि दलों के नेताओं की बैठक ह ...
नेशनल कांफ्रेंस ने इस बात से इंकार किया है कि अब्दुल्ला ने कहा कि ‘‘चीन के समर्थन’’से अनुच्छेद 370 को बहाल किया जाएगा। इसने कहा कि अब्दुल्ला ने कभी भी चीन की विस्तारवादी मंशा या उग्रता को रविवार को दिए गए टीवी साक्षात्कार में उचित नहीं ठहराया। ...
महबूबा (60) को पिछले साल पांच अगस्त को पहले एहतियाती हिरासत में रखा गया था और बाद में छह फरवरी को उन पर कठोर पीएसए कानून लगा दिया गया। उन्हें सात अप्रैल को उनके सरकारी निवास में ले जाया गया जिसे प्रशासन ने पहले उप-जेल घोषित किया था। ...
यह पहली बार नहीं है जब अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के बाद फारूक अब्दुल्ला ने इस कानून के बहाली को लेकर बयान दिया है। इससे पहले संसद सत्र में पाकिस्तान से बात कर कश्मीर समस्या हल करने की बात फारूक अब्दुल्ला बोले थे। ...