जम्मू-कश्मीरः हलचल तेज, महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और सज्जाद गनी लोन की बैठक, गुपकार घोषणा के बारे में जानिए

By सुरेश एस डुग्गर | Published: October 15, 2020 05:16 PM2020-10-15T17:16:44+5:302020-10-15T17:25:02+5:30

अनुच्छेद 370ः चार अगस्त 2019 की शाम को डा फारूक अब्दुल्ला के निवास पर महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, अवामी नेशनल कांफ्रेंस के मुजफ्फर शाह, कांग्रेस नेता जीए मीर व कश्मीर के अन्य छोटे बड़े राजनीतिकि दलों के नेताओं की बैठक हुई थी।

Jammu and Kashmir Movement Mehbooba Mufti Farooq Abdullah and Sajjad Gani Lone meeting  | जम्मू-कश्मीरः हलचल तेज, महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और सज्जाद गनी लोन की बैठक, गुपकार घोषणा के बारे में जानिए

नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, पीपल्स कांफ्रेंस, कांग्रेस, सीपीआई(एम), पीपल्स यूनाइटेड फ्रंट, पैंथर्स पार्टी और अवामी नेशनल कांफ्रेंस ने हिस्सा लिया था। (photo-ani)

Highlightsघोषणापत्र में कहा गया कि अनुच्छेद 370 का संरक्षण सुनिश्चित करते हुए जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे से छेड़छाड़ नहीं होने दी जाएगी। राज्य की पहचान, स्वायत्तत्ता और उसको मिले विशेष अधिकारों के लिए मिलकर संघर्ष की बात कही गई थी। 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने की घोषणा की थी।

जम्मूः गुपकार घोषणा अर्थात जम्मू-कश्मीर का सम्मान वापस लाने की मुहिम को लेकर राजनीति गर्मा चुकी है। इसमें तड़का महबूबा मुफ्ती की रिहाई ने लगाया है।

ऐसे में राजनीतिक पंडितों के बकौल, आने वाले दिनों में प्रदेश में माहौल और गतिविधियां बहुत अधिक गर्माएंगी जिनके हिंसक होने की भी आशंका प्रकट की जा रही है। ऐसी आशंकाएं इसलिए प्रकट की जा रही हैं क्योंकि सब जानते हैं कि नेकां, पीडीपी समेत कश्मीर बेस वाले राजनीतिक दल अपने खोए आधार और प्रतिष्ठा को प्राप्त करने एड़ी चोटी का जोर लगाएंगे।

दरअसल चार अगस्त 2019 की शाम को डा फारूक अब्दुल्ला के निवास पर महबूबा मुफ्ती, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, अवामी नेशनल कांफ्रेंस के मुजफ्फर शाह, कांग्रेस नेता जीए मीर व कश्मीर के अन्य छोटे बड़े राजनीतिकि दलों के नेताओं की बैठक हुई थी। इसमें भाजपा शामिल नहीं थी।

सभी नेताओं ने एक घोषणापत्र तैयार कर उस पर हस्ताक्षर किए थे

बैठक में सभी नेताओं ने एक घोषणापत्र तैयार कर उस पर हस्ताक्षर किए थे। इस घोषणापत्र में कहा गया कि अनुच्छेद 370 का संरक्षण सुनिश्चित करते हुए जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे से छेड़छाड़ नहीं होने दी जाएगी। इसी घोषणा को गुपकार घोषणा-1 कहते हैं। इसे गुपकार घोषणा कहा गया था। इस नाम से जारी बयान में राज्य की पहचान, स्वायत्तत्ता और उसको मिले विशेष अधिकारों के लिए मिलकर संघर्ष की बात कही गई थी।

अगले ही दिन 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म करने की घोषणा की थी। इसके तहत राज्य को जम्मू कश्मीर और लद्दाख के दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटा गया था। इस घोषणा पर नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, पीपल्स कांफ्रेंस, कांग्रेस, सीपीआई(एम), पीपल्स यूनाइटेड फ्रंट, पैंथर्स पार्टी और अवामी नेशनल कांफ्रेंस ने हिस्सा लिया था।

अली मोहम्मद सागर, मुजफ्फर शाह, उजैर रोंगा और सुहैल बुखारी ने हिस्सा लिया था

बैठक की अध्यक्षता फारूक अब्दुल्ला ने की थी जबकि महबूबा मुफ्ती, मजुफ्फर हुसैन बेग, अब्दुल रहमान वीरी, सज्जाद गनी लोन, इमरान रजा अंसारी, अब्दुल गनी वकील, ताज मोहिउद्दीन, एमवाई तारिगामी, उमर अब्दुल्ला, जस्टिस हसनैन मसूदी, मुहम्मद अकबर लोन, नारिस सुगामी, शाह फैसल, अली मोहम्मद सागर, मुजफ्फर शाह, उजैर रोंगा और सुहैल बुखारी ने हिस्सा लिया था।

अगले ही दिन 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने धारा 370 और धारा 35ए को हटाने और जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के रूप में दो केंद्रशासित प्रदेश बनाने का प्रस्ताव संसद में पेश कर दिया। इसके बाद इस साल 22 अगस्त, 2020 को फिर से छह राजनीतिक दलों - नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस, पीपुल्स कांफ्रेंस, सीपीआई (एम) और अवामी नेशनल कांफ्रेंस ने फिर से गुपकार घोषणा-2 पर दस्तखत किए। इन सभी ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 और धारा 35ए की वापसी की लड़ाई साथ लड़ने का संकल्प लिया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को 14 महीनों बाद रिहा किया गया

और अब जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को 14 महीनों बाद रिहा किया गया है। मुफ्ती को पिछले साल 4 अगस्त को उस समय नजरबंद कर दिया गया था, जब केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर राज्य को दो भागों में बांटने के साथ ही उसका विशेष दर्जा छीन लिया था। रिहा होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब हमें ये याद रखना है कि दिल्ली दरबार ने 5 अगस्त को अवैध और अलोकतांत्रिक तरीके से हमसे क्या लिया था, हमें वो वापस चाहिए।

गुपकार घोषणा -1 और 2 में कहा गया है कि हम धारा 370 और धारा 35ए, जम्मू कश्मीर के संविधान, इसके राज्य के दर्जे की वापसी के लिए साझी लड़ाई को लेकर समर्पित हैं। हमें राज्य का बंटवारा बिल्कुल नामंजूर है। हम सर्वसम्मति से यह दोहराते हैं कि हमारी एकता के बिना हमारा कुछ नहीं हो सकता।

इसमें आगे कहा गया है कि 5 अगस्त, 2019 को लिए गए फैसले असंवैधानिक थे जिनका मकसद जम्मू कश्मीर को अधिकारों से वंचित करना और वहां के लोगों की मूल पहचान को चुनौती देना है। उन राजनीतिक दलों ने संयुक्त बयान में कहा था कि हम लोगों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारी साभी राजनीतिक गतिविधियां 4 अगस्त, 2019 तक जम्मू कश्मीर के प्राप्त दर्जे की वापसी के लिए होंगी।

Web Title: Jammu and Kashmir Movement Mehbooba Mufti Farooq Abdullah and Sajjad Gani Lone meeting 

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