31 अक्टूबर साल 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके ही दो सिख अंगरक्षकों ने गोली मार दी। इसके बाद पूरे देश में सिख विरोधी दंगों की आग फैल गई। इस आग ने तत्कालीन सिख राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह को भी नहीं बख्शा। इस दंगे में सिर्फ दिल्ली में लगभग 3000 सिख बेरहमी से मारे गए थे जबकि पूरे देश में दंगे में मारे गए सिखों का आंकड़ा लगभग 10 हजार था। Read More
हाईकोर्ट ने 17 दिसंबर को मामले में सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में फैसला सुनाते हुए भी दोषियों को 31 दिसम्बर तक आत्मसमर्पण करने का समय दिया था। पूर्व पार्षद बलवान खोखर, नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल को भी इस मामले म ...
सज्जन कुमार ने सिख दंगों से जुड़े मामले में दोषी ठहराये जाने के बाद अदालत से समर्पण के लिए 31 जनवरी तक का वक़्त माँगा था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 17 दिसम्बर को सिख दंगों से जुड़े एक मामले में आजीवन कारावस की सजा सुनायी थी। ...
राजीव गांधी से जब इस दंगे के बारे में पुछा गया था, तो उन्होंने कहा था कि 'जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है।' उनके इस बयान की जबरदस्त आलोचना हुई थी। ...
यह मामला दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली की पालम कालोनी में राज नगर पार्ट-1 में 1984 में एक से दो नवंबर तक पांच सिखों की हत्या और राज नगर पार्ट-2 में गुरुद्वारे में आगजनी से जुड़ा है। ...
सीबीआई ने सुल्तानपुरी मामले में भी सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। लेकिन यह मामला अभी कोर्ट के सामने पेंडिंग है। सीबीआई ने अनवर कौर के आरोप पर यह मामला दर्ज किया है। कौर ने आरोप लगाया है कि सज्जन कुमार ने उस भीड़ को भड़काया था, जिसने उनके ...
1984 के सिख दंगों पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को आजीवन उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस दंगें में हजारों लोगों की मौत हुई थी। ...