दिल्ली विधानसभा में राजीव गांधी के 'भारत रत्न' वापस लेने को लेकर प्रस्ताव पास, सिख दंगों के कारण लिया गया फैसला
By विकास कुमार | Published: December 21, 2018 08:35 PM2018-12-21T20:35:25+5:302018-12-21T23:04:10+5:30
राजीव गांधी से जब इस दंगे के बारे में पुछा गया था, तो उन्होंने कहा था कि 'जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है।' उनके इस बयान की जबरदस्त आलोचना हुई थी।
इंदिरा गांधी की मौत के बाद दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगे के दौरान देश के प्रधानमंत्री राजीव गांधी के 'भारत रत्न' को वापस लेने की मांग दिल्ली विधानसभा में सर्वसहमति से पास हो गया है। पीटीआई ने खबर दी है।
हाल ही में सिख दंगे में आरोपी कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दिल्ली हाई कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने सिख दंगों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए मध्य प्रदेश के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री कमलनाथ का विरोध किया था। पार्टी के मुताबिक, कमलनाथ को प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बनाना चाहिए था।
इंदिरा गांधी की हत्या 31 अक्टूबर 1984 को उनके सिख बॉडीगार्ड द्वारा कर दी गई थी। जिसके बाद पूरे दिल्ली में सिखों का कत्लेआम किया गया था। इस दंगे में लगभग 3000 लोगों की मौत हो गई थी।
Jarnail Singh,AAP MLA: Delhi Assembly today declared 1984 anti-Sikh riots as worst genocide in the history of India’s national capital. In a resolution that has been passed today we have demanded from the Centre that Bharat Ratna should be withdrawn from Former PM Rajiv Gandhi. pic.twitter.com/g9uskxBe36
— ANI (@ANI) December 21, 2018
राजीव गांधी से जब इस दंगे के बारे में पुछा गया था, तो उन्होंने कहा था कि 'जब बड़ा पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है।' उनके इस बयान की जबरदस्त आलोचना हुई थी।
ऐसा बताया जाता है कि ये दंगे कांग्रेस सरकार की तरफ से प्रायोजित थे। इस दंगे में कई कांग्रेस नेता का नाम सामने आया था।
आम आदमी पार्टी के सदस्य और दंगा पीड़ितों के वकील ऐच. एस.फुल्का ने कई मौकों पर इन दंगों के लिए कांग्रेस को जिम्मेवार ठहराया था। साल 1991 में राजीव गांधी को भारत रत्न पुरुस्कार दिया गया था।