Shardiya Navratri 2025: हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि का अत्यधिक महत्व है। देवी दुर्गा को समर्पित यह पवित्र त्योहार पूरे भारत में सबसे व्यापक रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। हर साल मनाए जाने वाले चार नवरात्रों में से, चैत्र और शारदीय नवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण हैं, जबकि अन्य दो गुप्त नवरात्रि के रूप में जाने जाते हैं। शारदीय नवरात्रि विशेष रूप से उत्तर और पूर्वी भारत में, बिहार, झारखंड, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों सहित, बड़ी श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। इन नौ दिनों के दौरान, भक्त माँ दुर्गा के नौ दिव्य रूपों की विधि-विधान, उपवास और प्रार्थना के साथ पूजा करते हैं।
कब से शुरू हो रही शारदीय नवरात्रि?
शारदीय नवरात्रि 2025 का पर्व सोमवार, 22 सितंबर 2025 से शुरू होगा और बुधवार, 1 अक्टूबर 2025 को समाप्त होगा। इसके अगले दिन गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025 को विजयादशमी या दशहरा का त्योहार मनाया जाएगा।
शारदीय नवरात्रि नौ दिनों तक चलने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो देवी दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है।
किस पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा?
ज्योतिषीय गणनाओं और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि का आरंभ जिस वार (दिन) से होता है, उसी के अनुसार मां दुर्गा अपनी विशेष सवारी पर पृथ्वी लोक में आती हैं। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत सोमवार को हो रही है।
पुराणों के अनुसार, जब नवरात्रि का आरंभ सोमवार या रविवार को होता है, तो मां दुर्गा हाथी (गज) पर सवार होकर आती हैं।
हाथी की सवारी का महत्वमां दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना बेहद ही शुभ माना जाता है। धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, इसका सीधा संबंध सुख, समृद्धि और अच्छी वर्षा से है।
सुख-समृद्धि: हाथी को ज्ञान, समृद्धि और धन का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं, तो यह समाज में सुख-समृद्धि और धन-धान्य की वृद्धि का संकेत होता है।
अच्छी वर्षा: इस सवारी का एक और महत्वपूर्ण पहलू अच्छी वर्षा का संकेत देना है। ऐसा माना जाता है कि जब मां हाथी पर आती हैं, तो पूरे वर्ष अच्छी बारिश होती है, जिससे कृषि में वृद्धि होती है और फसलें लहलहाती हैं।
सकारात्मक बदलाव: हाथी पर मां का आगमन देश और समाज में सकारात्मकता और खुशहाली लाता है, जिससे चारों ओर सुख-शांति का माहौल बनता है।
इस प्रकार, इस वर्ष की शारदीय नवरात्रि भक्तों के लिए विशेष रूप से शुभ और मंगलकारी मानी जा रही है। भक्त मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना कर अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करेंगे।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत आर्टिकल में मौजूद जानकारी सामान्य ज्ञान पर आधारित है। सटीक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें। इस आर्टिकल में प्रस्तुत दावों की पुष्टि लोकमत हिंदी नहीं करता है।)