लाइव न्यूज़ :

Lord Shiva: जानिए महादेव प्रभु शिव के 'रुद्र' रूप की महिमा, जो संपूर्ण ब्रह्मांड के अंतिम गंतव्य हैं

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 01, 2024 6:35 AM

हिंदू धर्म में भगवान शिव के रुद्र अवतार का विशेष महत्व है। रुद्र का शाब्दिक अर्थ है तूफ़ान और भक्तों द्वारा संबोधित किये जाने वाले शिव के कई नामों से एक नाम रुद्र भी है।

Open in App
ठळक मुद्देहिंदू धर्म में भगवान शिव के रुद्र अवतार का विशेष महत्व हैभक्तों द्वारा संबोधित किये जाने वाले शिव के कई नामों से एक प्रमुख नाम रुद्र भी है ब्रह्मा, विष्णु और महाकाल जैसे दिव्य देवताओं में विशिष्ठ रुद्र इस ब्रह्मांड के पालक और संहारक हैं

Lord Shiva: हिंदू धर्म में भगवान शिव के रुद्र अवतार का विशेष महत्व है। रुद्र का शाब्दिक अर्थ है तूफ़ान और भक्तों द्वारा संबोधित किये जाने वाले शिव के कई नामों से एक नाम रुद्र भी है। रुद्र का प्रयोग विशिष्ट अर्थों में शिव के प्रचंड, हिंसक और उग्र रूप के लिये किया जाता है। ब्रह्मा, विष्णु और महाकाल जैसे दिव्य देवताओं में विशिष्ठ रुद्र इस ब्रह्मांड के पालक और संहारक हैं।

विष्णु पुराण, मत्स्य पुराण और भगवद गीता जैसे हिंदू धर्मग्रंथों में शिव के ग्यारह रूपों के के लिए रुद्र शब्द का उपयोग किया गया है, जिन्हें पृथ्वी और स्वर्ग पर राक्षसों की क्रूरता और अत्याचार को समाप्त करने के लिए अवतरित माना गया है।

विभिन्न धर्म ग्रंथों में इन 11 रुद्रों की उत्पत्ति की अलग-अलग कहानियां हैं। रुद्र शिव के सबसे लोकप्रिय नामों में से एक है जिसका उपयोग वेदों में बड़े पैमाने पर किया गया है। वास्तव में संहार की अभिव्यक्ति के लिए शिव को रुद्र रूप में संबोधित किया गया है।

रुद्र शब्द का शाब्दिक अर्थ गरजने वाला तूफान प्रतीत होता है। इसके अलावा रुद्र का अर्थ अग्नि और उग्र लाल क्रोध के रूप में लिया जाता है। कई कोणों से देखने पर रुद्र शब्द शिव के उग्र पहलू पर ध्यान केंद्रित करता है, जो विनाश का प्रतीक है। रुद्राष्टकम् के एक अनुच्छेद में शिवा की रुद्र प्रकृति का वर्णन किया गया है।

हिंदू धर्मशास्त्र सर्वोच्च देवत्व की तीन प्रमुख अभिव्यक्तियों की बात करता है, जिसका अर्थ है कि ब्रह्मा इस सृष्टि के निर्माता हैं, विष्णु इस सृष्टि के संरक्षक हैं और शिव इस सृष्टि के संहारक हैं। रुद्र शब्द शिव के तांडव से भी जुड़ा है। तांडव भगवान शिव का वह अघोर नृत्य है, जिसे भोलेनाथ श्मशान घाट में करते हैं। तांडव में शिव साँपों को धारण किये खोपड़ियों की माला पहने पूरे शरीर पर श्मशान की राख लपेटे हुए और लाल क्रोधित आँखें लिए नृत्य करते हैं।

एक पौराणिक कहानी में रुद्र शब्द से जुड़ी एक घटना का वर्णन किया गया है। एक बार ब्रह्मा ने रुद्र से कुछ प्राणियों को बनाने के लिए कहा क्योंकि वह सामान्य प्राणियों का निर्माण करके ऊब गए थे। इस अनुरोध के कारण, शिव ने 11 अमर प्राणियों का निर्माण किया जिन्हें कपाली, पिंगला, भीम, विरुपाक्ष, विलोहिता, अजेश, शासन, शास्ता, शंभू, चंदा और ध्रुव कहा जाता है।

शिव के द्वारा बनाये गये इन्ही रूपों को 11 रुद्र कहा जाता है। इन अमर प्राणियों के प्रमुख होने के कारण शिव को रुद्र के रूप में संबोधित किया जाता है। ऋग्वेद की ऋचाओं में रुद्र नाम से शिव का बहुत उल्लेख है। वेदों में शिव को सर्वोच्च देवता, एक शक्तिशाली धनुर्धर, सबसे भयानक रूप, अग्नि देवता आदि के रूप में वर्णित किया गया है।

शिव का रुद्र रूप जहां प्रचंड तूफान का द्योतक है, वहीं शिव के अन्य रूप उनके सौम्य पहलू की ओर इशारा करते हैं। रुद्र को संपूर्ण ब्रह्मांड के अंतिम गंतव्य के रूप में भी माना जाता है, जिसमें समस्त संसार विघटित होने के बाद वापस विलीन हो जाता है।

हम यह मान सकते हैं कि जहां रुद्र शब्द शिव की भूमिका अर्थात् विनाश की ओर इशारा करता है, वहीं शिव शब्द शिव की सौम्य प्रकृति की ओर इशारा करता है, जो भक्तों को मनचाहा वरदान दे रहा है। शिव संहार के साथ दयालु और कृपालु हैं। संपूर्ण ब्रह्मांड के माता-पिता होने के नाते शिव उनकी भलाई की देखभाल करने की सर्वोच्च भूमिका में होते हैं। रुद्र के नाम का जप करने से शिव का आशीर्वाद प्राप्त होगा और भक्तों पर उनकी कृपा प्राप्त होगी।

टॅग्स :भगवान शिवअध्यात्महिन्दू धर्मधार्मिक खबरेंधर्म
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठBaglamukhi Jayanti 2024: कब है बगलामुखी जयंती, क्या है पूजा का समय, इन रीति-रिवाज संग करें पूजा

पूजा पाठGanga Saptami Katha: जब क्रोध में गंगा नदी को पूरा पी गए महर्षि जह्नु, फिर आगे क्या हुआ? पढ़ें गंगा सप्तमी की रोचक कथा

पूजा पाठSkanda Sashti in May 2024: कब है स्कंद षष्ठी व्रत? यहां जानें तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व

पूजा पाठAkshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर कैसे करें मां लक्ष्मी को खुश?, इन 5 मंत्रों का करें जाप ...

पूजा पाठAkshaya Tritiya 2024: इन 4 कारणों से जानिए अक्षय तृतीया पर क्यों खरीदें सोना एवं अन्य कीमती धातुएं

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 16 May 2024: आज इन 4 राशियों के योग में है धन, जानिए क्या कहता है आपका भाग्य

पूजा पाठआज का पंचांग 16 मई 2024: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 15 May 2024: मिथुन राशिवालों के लिए किस्मत आजमाने का है अच्छा दिन, पढ़ें सभी राशियों का फल

पूजा पाठआज का पंचांग 15 मई 2024: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठआज सूर्य का वृषभ राशि में होगा प्रवेश, इन 5 राशिवालों को मान-सम्मान, धन-दौलत, उच्च पद, सरकारी जॉब समेत मिलेंगी ढेरों सौगात