लखनऊः केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने शनिवार को लखनऊ स्थित भाजपा कार्यालय में पार्टी की उप्र इकाई के अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी ने पार्टी कार्यालय में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। चौधरी ने अपना नामांकन पत्र भाजपा के राज्य चुनाव अधिकारी महेंद्र नाथ पांडेय (पूर्व केंद्रीय मंत्री) और केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक विनोद तावड़े को सौंपा। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक और उप्र के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद थे। इस बीच, ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पंकज चौधरी ने कहा, "आज लखनऊ हवाई अड्डे पर पहुंचने पर, समर्पित पार्टी कार्यकर्ताओं ने गर्मजोशी से मेरा स्वागत किया।
मैं सभी कार्यकर्ताओं का उनके द्वारा दिखाए गए स्नेह और सम्मान के लिए दिल से आभार व्यक्त करता हूं।" भाजपा के राज्य चुनाव अधिकारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने शुक्रवार को चुनाव आगामी पंचायत चुनावों और 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर किया जाएगा और जाति और क्षेत्रीय समीकरणों पर मजबूत पकड़ रखने वाले को ही ताज पहनाया जा सकता है।
पंकज चौधरी महाराजगंज संसदीय क्षेत्र से सात बार के सांसद हैं। वह कुर्मी जाति (अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की एक जाति) से हैं और उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का भरोसेमंद माना जाता है। कुर्मी समुदाय का पूरे उत्तर प्रदेश में ओबीसी समुदाय में काफी प्रभाव है।
2024 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव में इस समुदाय ने राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी (समाजवादी पार्टी) की ओर अपना झुकाव दिखाया था। उत्तर प्रदेश में भाजपा ने कुर्मी समुदाय के नेताओं को तीन बार प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है, जिनमें पूर्व सांसद विनय कटियार, पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह शामिल हैं।
यूपी में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष की तो रविवार 14 दिसंबर को केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को यह दायित्व संभालने का मौका मिलेगा। पीयूष गोयल को यूपी प्रदेश अध्यक्ष चुनाव का प्रभारी बनाया गया है। अब वही यूपी के नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन और उनके नाम की सार्वजनिक घोषणा सीएम योगी के साथ विचार-विमर्श के बाद शनिवार को करेंगे।
यूपी में लंबे समय से भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्ष का इंतजार हो रहा था। इसकी प्रमुख वजह वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल होना था, जिसके चलते ही बीते डेढ़ वर्षों से यूपी में नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए मंथन हो रहा था और इसके लिए चुनावी प्रक्रिया के अक्टूबर 2024 में शुरू भी हुई। करीब 14 महीने भाजपा प्रदेश संगठन का चुनाव की प्रक्रिया चली।
यूपी में भाजपा संगठन के 98 जिले हैं, इनमें से 84 जिलाध्यक्षों का चुनाव हो चुका है। 1918 मंडलों में से 1600 से अधिक पर मंडल अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कराई जा चुका है। 350 प्रांतीय परिषद सदस्यों की घोषणा के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कराने को लेकर सुगबुगाहट तेज हुई।
यूपी में भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए केंद्र सरकार में मंत्री बीएल वर्मा, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, योगी सरकार में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, केंद्र सरकार में मंत्री रह चुकी साध्वी निरंजन ज्योति, योगी सरकार के मंत्री धर्मपाल सिंह, राज्यसभा सांसद अमरपाल मौर्य और दिनेश शर्मा के अलावा विद्यासागर सोनकर, बाबूराम निषाद, बसपा से आए जुगल किशोर, पूर्व सांसद विनोद सोनकर, पूर्व मंत्री श्रीकांत शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक और महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला के नाम की चर्चा हो रही थी।
भाजपा के सीनियर नेताओं का कहना है कि पार्टी ने समाजवादी पार्टी के पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) फार्मूले को कमजोर करने के लिए कुर्मी समाज के पंकज चौधरी को यूपी की ज़िम्मेदारी देने का फैसला बीएल वर्मा की अनदेखी कर किया है। बीएल वर्मा भी कुर्मी समाज से है लेकिन वह पंकज चौधरी का राजनीतिक कद बड़ा है। वह सातवीं बार उत्तर प्रदेश के महाराजगंज संसदीय सीट से सांसद हुए हैं, इसलिए भाजपा का शीर्ष नेतृत्व उन्हे बड़ी ज़िम्मेदारी देने जा रहा है।