कानपुर, 17 फरवरी। देश की दूसरी सबसे बड़े सरकारी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में हुए घाटाले के बाद बैंकिंग सेक्टर में एक और घोटला सामने आया है, जिसके बाद हड़कंप मचा हुआ है। यह घोटाला उत्तर प्रदेश के कानपुर में हुआ है जो कलम बनाने वाली नामी कंपनी रोटोमैक के मालिक विक्रम कोठारी से जुड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि यह घोटाला लगभग 500 करोड़ रुपए का है।
एबीपी न्यूज की वेबसाइट के मुताबिक, कहा गया कि विक्रम कोठारी 500 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जोकि पांच सरकारी बैंकों से लिया गया है। बैंक से लोन लिए एक साल पूरा हो गया, लेकिन पैसा अदा नहीं किया गया।
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खासबात जो सामने आई है उसमें बताया गया कि कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी कहां हैं इसकी किसी के पास कोई जानकारी नहीं है। वहीं, शहर के मालरोड के सिटी सेंटर पर बना रोटोमैक का ऑफिस भी बंद पड़ा हुआ है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि सरकारी बैंकों ने नियमों का उल्लंघन कर विक्रम कोठारी की कंपनी को लोन दिया है। मामला सामने आने के बाद बैंक में हड़कंप मच गया है, लेकिन अभी तक कंपनी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
खबर के मुताबिक, यूनियन बैंक एनसीएनटी के तहत कार्रवाई करने की तैयारी में है और विक्रम कोठारी की प्रॉपर्टी को भी बेचने की तैयारी कर रहा है। वहीं इलाहाबाद बैंक कोठारी की प्रॉपर्टी को बेच कर पैसे रिकवर होने की उम्मीद जता रहा है।
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आपको बता दें कि रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी पान पराग के संस्थापक एमएम कोठारी के बेटे हैं। बताया जाता है कि पिता के निधन के बाद उन्होंने स्टेशनरी का बिजनेस शुरू कर दिया था। उन्होंने सबसे पहले रोटोमैक के नाम से पेन, स्टेशनरी और ग्रीटिंग्स कार्ड्स बनाए। धीरे-धीरे उनका बिजनेस बढ़ता गया। बिजनेस बढ़ने के बाद उन्होंने रोटोमैक नाम से एक कंपनी बनाई और एक बड़े कारोबारी बन गए।