इन लोगों पर लगे भारत के करोड़ों रुपए लूटने के आरोप, देश छोड़कर भागे
By रामदीप मिश्रा | Published: February 16, 2018 03:56 PM2018-02-16T15:56:01+5:302018-02-16T17:35:49+5:30
नीरव मोदी गहने बेचने वाली कंपनी फायरस्टार डायमण्ड का संस्थापक है। उसकी कंपनी के दिल्ली, मुंबई, न्यूयॉर्क, लंदन, मकाऊ और हॉन्गकॉन्ग में शोरूम हैं।
भारत में बैंकिंग सेक्टर में पहला घोटाला साल 1992 में सामने आया, जिसमें हर्षद मेहता ने बैंकिंग के नियमों का फायदा उठाकर बैंकों को बिना बताए उनके करोड़ों रुपयों को शेयर मार्केट में लगा दिया था। इसके बाद पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के लेन-देन में हुए घोटाला सामने आया, जिसने बैंकिंग सेक्टर से लेकर सरकार तक को हिला दिया।
इस घोटाले के सामने आते ही आरोपी नीरव मोदी ने प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज होने से पहले ही देश छोड़ दिया। यह पहला मौका नहीं है जब किसी घोटाले में फंसा आरोपी शख्स देश छोड़कर बाहर गया हो, इससे पहले भी कई लोगों पर देश के करोड़ों रुपए लूटने के आरोप लगे हैं। आरोप लगते ही वे देश छोड़कर भाग गए। आइए आज हम आपको बताते हैं कि ऐसे कौन आरोपी हैं जिन्होंने देश छोड़ा है...
नीरव मोदी
नीरव मोदी गहने बेचने वाली कंपनी फायरस्टार डायमण्ड का संस्थापक है। उसकी कंपनी के दिल्ली, मुंबई, न्यूयॉर्क, लंदन, मकाऊ और हॉन्गकॉन्ग में शोरूम हैं। नीरव बेल्जियम के एंटवर्प शहर के मशहूर डायमंड ब्रोकर परिवार से ताल्लुक रखता है। उसने ज्वैलरी डिजाइन करने की शुरुआत अपने एक दोस्त के कहने पर की। सबसे पहले इयरिंग्स डिजाइन की थीं। वह इस समय बैंक के साथ लेन-देन में जालसाजी के आरोप में फंसा हैं। इसी हफ्ते पीएनबी ने कहा कि घोटाला करीब 11300 करोड़ रुपये का हुआ है, जिसमें नीरव मोदी, मेहुल चौकसी एवं अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर दर्ज होने से पहले ही नीरव मोदी ने देश छोड़ दिया, हालांकि अभी तक यह पता नहीं लगाया जा सका है कि उसने किस देश में शरण ली है।
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विजय माल्या
इस पर भारतीय बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपए लूटने का आरोप है। बैंकों को पैसा नहीं चुकाने पर यह देश छोड़कर लंदन भाग गया है, जहां वह काफी समय से रह रहा है। हालांकि भारत सरकार माल्या को देश के हवाले करने के लिए कई बार ब्रिटेन सरकार से बातचीत कर चुकी है, लेकिन वहां की सरकार माल्या को नहीं सौंप रही हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि माल्या पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के 1600 करोड़ और पंजाब नेशनल बैंक के 800 करोड़ रुपए बकाया हैं। इसके अलावा बाकी रकम 14 बैंक की है।
संजीव चावला
साल 2000 में हुए मैच फीक्सिंग कांड का मुख्य आरोपी और बुकी संजीव चावला है। वह इस समय ग्रेट ब्रिटेन की पुलिस के गिरफ्त में है। इस फिक्सिंग में साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान हैंसी क्रोन्ये भी शामिल थे। इस मैच फीक्सिंग मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस ने ब्रिटेन सरकार से संजीव चावला केके प्रत्यर्पण की मांग की थी, जिसके बाद ग्रेट ब्रिटेन के अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस से उस जेल के सुरक्षा इंतजाम और सुविधाओं की जानकारी मांगी है जहां चावला को रखने की बात कही थी। इस पर साल 2000 में भारत और दक्षिण अफ्रीका में क्रिकेट मैच फिक्स करने का आरोप है।
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ललित मोदी
आईपीएल के पूर्व आयुक्त और कारोबारी ललित मोदी भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में देश से फरार चल रहे हैं। आईपीएल की शुरुआत करने वाले ललित मोदी 2008 से 2010 तक आईपीएल के कमिश्नर रहे। मोदी पर 2010 में आईपीएल में भ्रष्टाचार का आरोप लगा। आरोप था कि उन्होंने दो नई टीमों की नीलामी के दौरान गलत तरीके अपनाए और किसी लाभ के बदले एक पक्ष को फायदा पहुंचाया। इसके अलावा मोदी ने आईपीएल का ठेका 425 करोड़ में मॉरिशस की कंपनी वर्ल्ड स्पोर्ट्स को दिया था। मोदी पर इस सौदे के बदले 125 करोड़ रुपए का कमीशन लेने का भी आरोप है। इन आरोपों के बाद मोदी को 2010 में आईपीएल कमिश्नर के पद से हटा दिया गया था। उसी साल वह देश छोड़कर ब्रिटेन भाग गए। तब से भारत सरकार उनके प्रत्यर्पण की कोशिशें करने का दावा कर रही है, जो अब तक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची है।
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संजय भंडारी
संजय भंडारी हथियारों के एक विवादित दलाल के तौर पर जाना जाता है। उस पर सेना के हथियार खरीद में गलत तरीके से शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। भंडारी और एक ऑफसेट कंपनी के खिलाफ टैक्स चोरी के मामले में भंडारी के आवास की तलाशी के दौरान आयकर विभाग को सेना के हथियारों की खरीद से संबंधित कई गोपनीय दस्तावेज मिले थे। इन दस्तावेजों में सैन्य साजो सामान के खरीद के लिए बनाई गई अनुबंध समिति की बैठक के कुछ मिनट की प्रतियां भी थीं। इसी साल दिल्ली की एक अदालत ने के संजय भंडारी को सरकारी गोपनीय अधिनियम के मामले में घोषित अपराधी ठहराया है। बताया जाता है कि भंडारी नेपाल के रास्ते देश से लंदन भागने में कामयाब रहा है। सरकार भंडारी के प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है।