लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चल रही बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। जब विपक्ष की ओर से लगातार शोर-शराबा हो रहा था, तब अमित शाह अपनी बात पूरी करने की कोशिश कर रहे थे। इस पर उन्होंने व्यंग्य भरे लहजे में कहा कि वह देर रात तक बैठने को तैयार हैं, बस उन्हें अपनी बात पूरी करने दी जाए। इसी दौरान विपक्षी बेंचों से कुछ टिप्पणी हुई, जिससे शाह का मिजाज बदल गया। उन्होंने मुस्कुराते हुए लेकिन कड़े शब्दों में कहा, “जब दो वरिष्ठ लोग बातचीत कर रहे हों, तो बीच में टोकना ठीक नहीं होता।”
इस टिप्पणी पर सदन में हंसी की गूंज सुनाई दी। हालांकि हंगामा थमा नहीं, तो अमित शाह गंभीर हो गए। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें विधानसभा और संसद में तीन दशक का अनुभव है और संसदीय परंपराओं की उन्हें भली-भांति समझ है। जब विपक्ष की ओर से जवाब देने की मांग की गई, तो शाह ने तीखे अंदाज़ में स्पष्ट किया कि सदन में बोलने का क्रम उनकी ‘न्यायप्रियता’ से नहीं, बल्कि तय प्रक्रिया से चलता है। उन्होंने दो टूक कहा कि इस तरह के व्यवधान से संसद की कार्यवाही नहीं चल सकती।