भाजपा सांसद और पूर्व पीएम चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर ने बुधवार को कहा कि गांधी परिवार को वह सुरक्षा मिल रही है, जो राष्ट्रपति और अन्य प्रतिष्ठित लोगों को दी जाती है। गांधी परिवार और कांग्रेस को यह समझना चाहिए कि उनकी सुरक्षा सबसे सुरक्षित है।
नीरज शेखर ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य वीआईपी संस्कृति को समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि लालबत्ती का चलन भी इसी वजह से समाप्त किया गया था। ‘‘मेरी पार्टी वीआईपी संस्कृति की पक्षधर नहीं है।’’ अतीत में इस कानून में हुए संशोधनों का जिक्र करते हुए शेखर ने कहा ‘‘प्रस्तावित संशोधन के तहत एसपीजी सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री और उनके साथ उनके आवास में रहने वालों के लिए ही होगी व सरकार द्वारा आवंटित आवास पर रहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को पांच साल की अवधि तक एसपीजी सुरक्षा प्राप्त होगी।’’
उन्होंने कहा ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश हित में कई ऐसे कदम उठाए हैं जिससे उनकी सुरक्षा को खतरा बढ़ा है। एसपीजी सुरक्षा का उन पर केंद्रित होना प्रासंगिक है।’’ पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर ने कहा कि वह स्वयं 1990 से 2001 तक एसपीजी सुरक्षा में रह चुके हैं। उन्होंने कहा ‘‘उन दिनों मैं 22 साल का था। मेरे परिवार को एसपीजी सुरक्षा मिली थी। जिस तरह हमारे आगे पीछे गाड़ियों का काफिला चलता था, उसे देख कर मैं खुद को बहुत ही रसूखदार व्यक्ति समझता था जबकि सचाई यह है कि उन दिनों मुझे कोई जानता नहीं था।’’
शेखर ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा ‘‘यह आपकी वजह से हुआ। वरना तब मुझे जानता ही कौन था?’’ उन्होंने कहा कि सुरक्षा सबको अच्छी लगती है और यह अहसास भी सुखद होता है कि हम खास हैं। ‘‘लेकिन आज का नौजवान वीआईपी संस्कृति को पसंद नहीं करता। हमारी पार्टी भी इस संस्कृति की पक्षधर नहीं है। हमारी पार्टी इस संस्कृति को खत्म करना चाहती है।’’
पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए अलग बल गठित किया जाना चाहिए
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवारों की सुरक्षा के लिए अलग बल गठित किया जाना चाहिए लेकिन यह जिद नहीं होनी चाहिए कि उन्हें केवल एसपीजी सुरक्षा ही मिले। शेखर ने कहा कि वीआईपी सुरक्षा के लिए खर्च होने वाला पैसा देश का है।
उन्होंने कहा ‘‘पूर्व प्रधानमंत्रियों इंद्रकुमार गुजराल, वी पी सिंह, एच डी देवेगौड़ा, मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस लिए जाने पर किसी ने कुछ भी नहीं कहा था।’’ उन्होंने कहा कि पहले एसपीजी में शामिल कर्मियों को जैसा प्रशिक्षण दिया जाता था वैसा प्रशिक्षण अब नहीं दिया जाता। इसका कारण यह है कि एसपीजी सुरक्षा का दायरा बढ़ता गया। लेकिन संसाधनों की एक सीमा होती है।
नीरज शेखर ने अपने कथित बयान पर 'एसपीजी कवर के तहत, आप पीएम की तरह महसूस करते हैं।' यह मेरा खुद का अनुभव है, आपको लगता है कि आप किसी ऐसे व्यक्ति हैं जब सभी पैराफर्नलिया आपके साथ जाते हैं। मैं तब कुछ भी नहीं था, लेकिन मुझे भी ऐसा लगने लगा था। आगे-पीछे 4 गाड़ियां रहती थीं। मैं जब भी एयरपोर्ट जाता था, तो मेरी बुलेटप्रूफ कार सीधे विमान तक जाती थी। मैं यह देखकर हैरान रह जाता था कि वरिष्ठ नागरिक एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच के लिए कतार में खड़े रहते थे, जबकि मैं कभी इससे नहीं गुजरा।
राज्यसभा में पहली बार बोल रहे नीरज ने एक किस्सा सुनाया- ‘‘मेरे पिता ने प्रधानमंत्री के तौर पर जब तमिलनाडु की द्रमुक सरकार को बर्खास्त किया था, इसके कुछ दिन बाद मैं चेन्नई गया। इतनी कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था की गई थी कि लगा मैं ही प्रधानमंत्री हूं। मैं जब अपनी मां और भाई के साथ कहीं जाता था तो गाड़ियों का काफिला साथ में चलता था। लोग मेरा ऑटोग्राफ लेते थे।’’
पूरे खानदान को, नाती पोतों तक को युग युगान्तर तक एसपीजी सुरक्षा दी जाए
बीजद के प्रसन्न आचार्य ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार यह तय करने में सक्षम है कि किसे कौन सी सुरक्षा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं है कि गांधी परिवार का देश के लिए अहम योगदान है और इस परिवार से दो लोगों की शहादत भी हुई है। ‘‘लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि पूरे खानदान को, नाती पोतों तक को युग युगान्तर तक एसपीजी सुरक्षा दी जाए।’’
बीजद सदस्य ने कहा कि समय समय पर सुरक्षा संबंधी खतरे की समीक्षा करनी चाहिए। जदयू के आरसीपी सिंह ने विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि जब कोई प्रधानमंत्री पद पर नहीं रहता तब उसे ऐसी सुरक्षा क्यों दी जानी चाहिए । उन्होंने कहा कि गांधी परिवार की सुरक्षा को हटाया नहीं गया है, केवल बदलाव किया गया है।