नई दिल्ली: नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को आखिरकार पंजाबकांग्रेस के अध्यक्ष पद से दिया गया इस्तीफा वापस लेने का ऐलान कर दिया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने ये बात कही। साथ ही उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से किसी मतभेद से भी इनकार किया।
साथ ही सिद्धू ने पार्टी के सामने एक नई शर्त भी रख दी। उन्होंने कहा कि नए एडवोकेट जनरल (एजी) की नियुक्ति के बाद ही वह वापस कमान संभालेंगे। सिद्धू का ये बयान इसलिए अहम हो गया है कि क्योंकि पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने एपीएस देओल के इस्तीफे को कथित तौर पर खारिज कर दिया है। सिद्धू इन्हें ही पंजाब के एजी पद से हटाना चाहते हैं।
सिद्धू ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'मैंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया है। जब नया एडवोकेट जनरल नियुक्त हो जाएगा तो मैं पार्टी ऑफिस जाउंगा और अपना पद संभाल लूंगा।'
देओल ने सिद्धू की ओर से बार-बार हुए हमलों के बाद सोमवार को मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। सिद्धू दरअसल देओल को 2015 के एक बेअदबी और पुलिस फायरिंग मामले में दो आरोपी पुलिस का प्रतिनिधित्व करने के मामले के कारण एजी पद से चाहते हैं।
हालांकि, राज्य सरकार ने अभी तक स्पष्ट नहीं किया है कि देओल का इस्तीफा स्वीकार किया गया है या नहीं। सूत्रों का कहना है कि चन्नी ने संभवत: इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया है।
चन्नी से मतभेदों पर सिद्धू ने क्या कहा
सिद्धू ने कहा कि वह चन्नी से लगातार मिलते रहे हैं। उन्होंने कहा, 'मैं पिछले एक महीने में उनसे बात करता रहा हूं। पहली बैठक पंजाब भवन में हुई थी। उस समय ये बात हुई थी कि डीजीपी की नियुक्ति पर पैनल बनेगी और एक हफ्ते में चीजे ठीक हो जाएंगे। ये 90 दिनों की सरकार है। 50 दिन निकल गए हैं।'
सिद्धू ने आगे कहा, कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है। मैं उनसे राज्य को लेकर बात करता हूं। राज्य के लिए जो भी अच्छा हो सके, उसके लिए मैं उनसे बात करता हूं। चरणजीत सिंह चन्नी से मेरा कोई मतभेद नहीं है। मैं जो भी कर रहा हूं, वह पंजाब के लिए है। पंजाब मेरी आत्मा है, पंजाब मेरा लक्ष्य है।'