लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को कहा कि मुख्तार अंसारी की जेल में मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों की 'उच्च स्तरीय जांच' की जरूरत है ताकि उनकी मौत से जुड़े सही तथ्य 'सामने आ सकें।
बसपा प्रमुख मायावती ने सोशल प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किये एक पोस्ट में कहा, ''मुख़्तार अंसारी की जेल में हुई मौत को लेकर उनके परिवार द्वारा जो लगातार आशंकायें व गंभीर आरोप लगाए गए हैं उनकी उच्च-स्तरीय जाँच जरूरी, ताकि उनकी मौत के सही तथ्य सामने आ सकें। ऐसे में उनके परिवार का दुःखी होना स्वाभाविक। कुदरत उन्हें इस दुःख को सहन करने की शक्ति दे।"
मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मौत के बाद उसके बेटे उमर अंसारी ने दावा किया कि बांदा जेल में उसके पिता का हत्या कथिततौर पर हत्या की गई है। उमर अंसारी का आरोप है कि जेल में उसके पिता को मारने के लिए कथिततौर पर स्लो प्वाइजन दिया गया और वो पिता की मौत का इंसाफ पाने के लिए कोर्ट जाएंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उमर ने कहा कि ''हमें कोर्ट पर पूरा भरोसा है। पिता की मौक के बारे में मुझे बांदा जेल प्रशासन की ओर से कुछ नहीं बताया गया, मुझे मीडिया के माध्यम से उनकी मौत के बारे में पता चला लेकिन अब पूरा देश सब कुछ जानता है।"
उन्होंने आगे कहा, " मैं दो दिन पहले पिता मुख्तार से मिलने के लिए जेल गया था लेकिन जेल प्रशासन ने मुझे मिलने की अनुमति नहीं दी। हमने पहले भी कहा था और आज भी यही कह रहे हैं कि 19 मार्च को डिनर में उन्हें जहर दे दिया गया। हम इसकी जांच के लिए न्यायपालिका की शरण में जाएंगे, हमें उस पर पूरा भरोसा है।''
उमर अंसारी ने कहा, "मेरे पिता का पोस्टमॉर्टम कल किया जाएगा, उसके बाद हमें उनका शव मिलेगा फिर हम आगे उनका अंतिम संस्कार करेंगे। मेरे पिता ने मौत से पहले धीमा जहर दिए जाने का आरोप लगाया था। हमें उसकी तह तक जाना है।''
इमालूम हो कि गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के निधन के बाद उसका शव बांदा के बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा दिया गया है। अस्पताल से जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, खूंखार गैंगस्टर को रात करीब 8:25 बजे अस्पताल लाया गया। विज्ञप्ति में कहा गया है कि मरने से पहले नौ डॉक्टरों की एक टीम ने उनकी देखभाल की थी।
घटना से पूर्व मंगलवार को भी पेट दर्द की शिकायत के बाद मुक्तार को बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। हांलाकि उन्हें बाद में तबियत ठीक होने पर पिर से जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।
पांच बार के विधायक रहे मुख्तार के निधन के बाद कई राजनीतिक नेताओं ने शोक व्यक्त किया। बीते गुरुवार को एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्तार अंसारी के परिवार के समर्थन में दुख व्यक्त किया।
ओवैसी ने कहा, "मैं अल्लाह से प्रार्थना करता हूं कि वह मुख्तार अंसारी को माफ कर दें और उनके परिवार और उनके प्रियजनों को धैर्य प्रदान करें। गाजीपुर के लोगों ने अपने पसंदीदा बेटे और भाई को खो दिया। मुख्तार साहब ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे कि उन्हें जहर दिया गया था। इसके बावजूद सरकार ने उनके इलाज पर कोई ध्यान नहीं दिया। यह निंदनीय और अफसोसजनक है।''
वहीं समाजवादी पार्टी के नेता अमीके जामेई ने मुख्तार अंसारी की मौत की गहन जांच की मांग की है। उन्होंने कहा, "हम मुख्तार अंसारी के परिवार के साथ खड़े हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि उनकी कभी भी हत्या हो सकती है। उन्हें उचित चिकित्सा सुविधा क्यों नहीं दी गई। हम घटना की गहन जांच की मांग करते हैं।"
मुख्तार अंसारी मऊ विधानसभा सीट से पांच बार विधायक चुना गया था, जिनमें दो बार बहुजन समाज पार्टी का उम्मीदवार रहा। मुख्तार का उसके गृह नगर ग़ाज़ीपुर में काफी रसूख था।
मुख्तार अंसारी को अप्रैल 2023 में एमपी/एमएलए अदालत ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के लिए दोषी ठहराया और 10 साल कैद की सजा सुनाई। उसके अलावा उसे 1990 में हथियार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेजों के उपयोग से संबंधित एक मामले में 13 मार्च, 2024 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
इससे पहले दिसंबर 2023 में वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 26 साल पूर्व कोयला कारोबारी नंद किशोर रूंगटा की हत्या के गवाह महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकी देने का दोषी पाया था और उसके खिलाफ कठोर कारावास और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया। पिछले साल 15 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्तार अंसारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत 73.43 लाख रुपये से अधिक की जमीन, एक इमारत और बैंक जमा राशि कुर्क की थी।