नयी दिल्ली, नौ दिसंबर नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में विलंब को लेकर 27 नवंबर से देशव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रहे रेजीडेंट डॉक्टरों के संगठन फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (एफओआरडीए) ने बृहस्पतिवार को कहा कि आंदोलन को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया गया है।
एफओआरडीए की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि इस मुद्दे के संबंध में पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम और बुधवार को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और अन्य के निधन के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया।
बयान में कहा गया कि एफओआरडीए ने बृहस्पतिवार को राज्य के आरडीए (रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन) के साथ डिजिटल माध्यम से बैठक कर प्रदर्शन को एक सप्ताह के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया।
बयान में कहा गया, “हम देश के उन सभी रेजिडेंट डॉक्टरों के प्रति आभार व्यक्त करते हैं जो आगे आकर आंदोलन में शामिल हुए। हम तत्काल प्रभाव से सभी सेवाएं बहाल कर रहे हैं।” बयान में कहा गया, “अगर 16 दिसंबर 2021 तक मुद्दा नहीं सुलझाया गया तो हमें स्वास्थ्य संस्थानों में कोविड प्रभावित इलाकों को छोड़कर सभी सेवाओं को पूरी तरह से बंद करने का आह्वान करने पर मजबूर होना पड़ेगा।”
एफओआरडीए अध्यक्ष डॉ मनीष ने दावा किया कि सभी आरडीए इस निर्णय से सहमत हैं लेकिन दिल्ली सरकार द्वारा संचालित मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ आकाश यादव ने कहा, “एमएएमसी आरडीए ने अभी तक इस पर निर्णय नहीं लिया है।”
एमएएमसी रेजिडेंट डॉक्टरों ने बृहस्पतिवार सुबह से सभी नियमित और आपातकालीन सेवाओं का बहिष्कार किया है जिसके कारण उससे संबद्ध तीन अस्पतालों में मरीजों की देखभाल प्रभावित हुई है।
एमएएमसी से लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल, जी बी पंत अस्पताल और गुरु नानक नेत्र केंद्र संबद्ध हैं। इस बीच सफदरजंग अस्पताल आरडीए के महासचिव डॉ अनुज अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को कहा, “विरोध प्रदर्शन को एक सप्ताह के लिए स्थगित करने के एफओआरडीए के निर्णय का हम समर्थन करते हैं और उम्मीद करते हैं कि सुलह की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार हस्तक्षेप करेगी।”
अन्य अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का रुख अभी पता नहीं चल पाया है।
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