लखनऊ: उत्तर प्रदेश का बहुचर्चित मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के दोषी अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को जेल से रिहाई मिल गई है।
अमरमणि त्रिपाठी के आजीवन कारावास की सजा को अच्छे आचरण के कारण खत्म कर गुरुवार को दंपति को रिहा कर दिया गया जिसके बाद कवयित्री मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला का दर्द छलक आया।
गौरतलब है कि वह सुप्रीम कोर्ट के सामने अमरमणि त्रिपाठी की रिहाई के आदेश को रुकवाने के लिए आई थीं लेकिन ऐसा न होने पर वह मीडिया के सामने रो पड़ी।
उन्होंने आरोप लगाया कि अगर अमरमणि त्रिपाठी को सजा पूरी होने से पहले रिहा किया गया तो उनकी जान को खतरा है। उन्होंने रोते हुए भी कहा, "अगर वह (अमरमणि त्रिपाठी) जेल नहीं गए हैं तो उन्हें जल्दी रिहाई देने का सवाल ही कहां है।"
उन्होंने कैमरे के सामने आकर कहा कि मैं दर-दर भटक रही हूं, लेकिन आज तक न्याय नहीं मिला। सरकारें कितनी निकम्मी हैं कि अदालत द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बावजूद अमरमणि त्रिपाठी को जेल नहीं भेज सकीं।
जैसे ही उन्हें शीघ्र रिहाई आदेश के बारे में पता चला तो उन्होंने वीडियो के जरिए अपील की। मीडिया के बात करते हुए वह भावुक हो गई और उन्हें अब अपने परिवार की जान के खतरे की आंशका है जिसके कारण वह डरी हुई हैं।
इससे पहले उन्होंने आज एक वीडियो में भावुक अपील की थी और एक पत्र भी लिखा था जिसमें अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी की जल्द रिहाई के आदेश पर सवाल उठाया गया था।
निधि शुक्ला ने कहा, "मैं मधुमती शुक्ला की बहन निधि शुक्ला, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल द्वारा अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी की शीघ्र रिहाई के आदेश से स्तब्ध हूं।"
उन्होंने यह भी कहा कि वह लगातार यूपी सरकार और राज्यपाल को पत्र लिखकर सूचित कर रही हैं कि उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में स्वीकार कर ली गई है और सुनवाई शुक्रवार, 25 अगस्त, सुबह 11 बजे तय की गई है। हालांकि, निधि शुक्ला ने वीडियो में कहा, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले उत्तर प्रदेश कारागार प्रशासन विभाग द्वारा जारी शीघ्र रिहाई का आदेश चौंकाने वाला है।
हालांकि, निधि शुक्ला की तमाम दलीलों के बावजूद भी अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को आज जेल से रिहाई मिल गई है। करीब 20 सालों तक जेल में सजा काटने के बाद उन्हें आखिरकार जेल से रिहा कर दिया गया है।
क्या कहा यूपी सरकार ने आदेश में?
मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में दोषी अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी की जल्द रिहाई को लेकर यूपी सरकार की ओर से आदेश दिया गया जिसमें कहा गया है कि दोनों आरोपियों ने हत्या के मामले में काफी समय जेल में बिताया था और उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन विभाग उन्हें "अच्छे व्यवहार" के कारण 25 अगस्त के बाद रिहा कर सकता है।
मधुमती शुक्ला हत्याकांड
बता दें कि कवयित्री मधुमती शुक्ला की सनसनीखेज हत्या का मामला यूपी की राजनीति के इतिहास के काले पन्नों में दर्ज है। इस हत्याकांड ने न सिर्फ उत्तर प्रदेश की राजनीति बल्कि पूरे राज्य में सनसनी फैला दी थी।
24 वर्षीय कवयित्री मधुमती शुक्ला की 2003 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उनके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। बाद में, सीबीआई की रिपोर्टों से पता चला कि जब मधुमती शुक्ला की हत्या की गई, तब वह अमरमणि त्रिपाठी के बच्चे की मां बनने वाली थीं।
इस हत्याकांड में 2002-03 में मायावती सरकार में मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी को उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी के साथ मुख्य आरोपी बनाया गया था। 2007 में, त्रिपाठी और उनकी पत्नी दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।