Jewar airport: उत्तर प्रदेश के जेवर में प्रतीक्षित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण का काम 75 प्रतिशत से अधिक पूरा हो गया है। यह आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान ही परिचालन शुरू करने के लिए तैयार है। हवाई अड्डे पर दोनों रनवे और महत्वपूर्ण एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) बुनियादी ढांचे का काम पूरा हो चुका है। गले दो या तीन महीनों के भीतर हवाई अड्डे के चालू होने की प्रबल संभावना है।
इंडिया टुडे ने जेवर के विधायक धीरेंद्र सिंह के हवाले से बताया है कि हवाई अड्डे के पहले चरण के लिए 10,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटन निर्धारित किया गया था। जिसमें से लगभग रु. 7,371 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं। टर्मिनल भवन का निर्माण पूरा होने वाला है। जुलाई में, दो रडार स्थापित किए जाएंगे। निर्माण का अगला चरण जल्द ही शुरू होने की संभावना है।
मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण से नोएडा में रियल एस्टेट बाजार को प्रोत्साहन मिलेगा। दरअसल नोएडा में 'जापानी' और 'कोरियाई' औद्योगिक शहरों के विकास की योजना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यमुना प्राधिकरण द्वारा गौतम बौद्ध नगर जिले में दो क्षेत्रों को 'जापानी' और 'कोरियाई' औद्योगिक शहरों के रूप में नामित करने से न केवल जापान और कोरिया के साथ द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे बल्कि नोएडा को वैश्विक निवेश परिदृश्य में प्रमुखता से स्थान मिलेगा।
25 अप्रैल से पहले जेवर एयरपोर्ट पर सभी उपकरण लगा लिए जाएंगे। इसे डेडलाइन के तौर पर तय किया गया है। केंद्र सरकार की योजना लोकसभा चुनाव के मतदान के दौरान ही जेवर में बन रहे एयरपोर्ट पर विमानों का संचालन शुरू करने की है। जेवर एयरपोर्ट निर्माण के बाद एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। यात्रियों के लिए यहां से उड़ान शुरू करने की डेडलाइन अक्टूबर, 2024 तय की गई है। एयरपोर्ट पर रूस से आने वाले ऑटोमेशन सिस्टम सर्फेस मूवमेंट रडार लगाए जाएंगे।