नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को आर्थिक समीक्षा 2023 की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड महामारी के संकटपूर्ण समय में अर्थव्यवस्था को सहजता से आगे बढ़ाया।
भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में घटकर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि, भारत दुनिया की सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। आर्थिक समीक्षा 2022-23 में मंगलवार को यह अनुमान जताया गया।
शाह ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आर्थिक समीक्षा 2023 ने फिर से यह पुष्टि की है ‘अनुभवी कप्तान’ प्रधानमंत्री मोदी ने महामारी के संकटपूर्ण समय में भी अर्थव्यवस्था को सहजता से आगे बढ़ाया। जब दुनिया मंदी से जूझ रही है, तब सभी क्षेत्रों में प्रगति और आशावाद दिखाता है कि भारत वैश्विक महाशक्ति के तौर पर उभरने को तैयार है।”
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में सर्वेक्षण पेश किया। आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, अगले वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी में 6-6.8% की वृद्धि रहने का अनुमान है। वास्तविक जीडीपी वृद्धि के लिए सर्वेक्षण का आधारभूत पूर्वानुमान 6.5 प्रतिशत है।
केंद्र सरकार के मुताबिक, जीडीपी के प्रतिशत के रूप में निजी खपत वित्त वर्ष 23 की दूसरी तिमाही में 58.4 प्रतिशत रही, जो 2013-14 के बाद से सभी वर्षों की दूसरी तिमाहियों में सबसे अधिक है, व्यापार, होटल और परिवहन जैसी संपर्क-गहन सेवाओं में उछाल देखने को मिला।
सरकार ने कहा कि निर्माण गतिविधियों के लिए प्रवासी श्रमिकों की वापसी से हाउसिंग मार्केट में पिछले साल 42 महीनों की तुलना में वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में इन्वेंट्री ओवरहैंग में 33 महीने की महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई।
(एजेंसी इनपुट के साथ)