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India China Tension: LAC से नहीं हटेगी चीनी सेना, लद्दाख का तनाव अब सोशल मीडिया पर भी दिखने लगा

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: August 9, 2020 18:04 IST

एलएसी पर तनातनी में फिलहाल कोई गर्मागर्मी नहीं है पर सोशल मीडिया पर यह जरूर बढ़ती जा रही है। साथ में छपी दो तस्वीरों से यह स्पष्ट हो जाता है कि लद्दाख का तनाव अब कहां कहां असर डालने लगा है।

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ठळक मुद्दे लद्दाख में एलएसी पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच बना हुआ तनाव फिलहाल कम नहीं हुआ है।इसका असर अब सोशल मीडिया पर भी दिखने लगा है।

जम्मू: लद्दाख में एलएसी पर दोनों देशों की सेनाओं के बीच बना हुआ तनाव फिलहाल कम नहीं हुआ है। इसका असर अब सोशल मीडिया पर भी दिखने लगा है। ट्विटर पर होने वाली जंग में एक चीनी अकांउट से तो भारत को लद्दाख खाली करने की धमकी दी जा रही है जबकि भारतीय यूजर टी 90 टैंकों की तैनाती चमगादड़ों के लिए बता रहे हैं।

इतना जरूर था कि एलएसी के काबिज क्षेत्रों से चीनी फौज को पीछे हटाने की छठे दौर की वार्ता अब विफल हो गई है जिसके परिणामस्वरूप दोनों सेनाएं सर्दियों में गर्मी का अहसास करवाने की तैयारी में हैं। एलएसी पर तनातनी में फिलहाल कोई गर्मागर्मी नहीं है पर सोशल मीडिया पर यह जरूर बढ़ती जा रही है। साथ में छपी दो तस्वीरों से यह स्पष्ट हो जाता है कि लद्दाख का तनाव अब कहां कहां असर डालने लगा है।

यह सच है कि लद्दाख सेक्टर में एलएसी पर कई सेक्टरों में चीनी फौज के काबिज होने और उनके कब्जे को हटाने की चर्चा करने के लिए शनिवार को दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) क्षेत्र में भारत और चीन के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता हुई जो विफल रही है। इस छठे दौर की 8 घंटे की वार्ता में भी भारत और चीन के बीच पैंगांग झील, देपसांग मैदानी क्षेत्र और गोगरा-हाट स्प्रिंग्स एरिया के विवादित मुद्दों का समाधान नहीं निकल सका है। भारतीय पक्ष से तीसरी इन्फेंट्री डिविजन के जनरल अफसर कमांडिंग मेजर जनरल अभिजीत बापट ने बातचीत का नेतृत्व किया। भारत ने चीन से देपसांग और दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) सेक्टर में तैनात अपने सैनिकों को वापस बुलाने और निर्माण गतिविधियां रोकने के लिए कहा। इस इलाके में चीन ने हजारों सैनिकों के साथ-साथ टैंक और आर्टिलरी गन तैनात कर रखे हैं।

 

एलएसी पर तनाव उस समय भी बढ़ गया जब भारत की तरफ से वार्ता कर रहे मेजर जनरल अभिजीत बापट ने साफ कहा कि चीन को विवादित क्षेत्रों से अपने सैनिक वापस बुलाने होंगे, वरना “किसी भी घटना के लिए तैयार रहें”। रिपोर्ट के अनुसार, देपसांग में चीनी सेना की भारी और स्थायी उपस्थिति से भारत के प्रवेश मार्गों और दौलत बेग ओल्डी रोड व उत्तर में काराकोरम दर्रे से लगी हवाई पट्टी को खतरा पैदा हो गसयाहै। पीएलए ने यहां टैंक और तोपखाने बंदूकों के साथ 12,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है। भारतीय सेना ने क्षेत्र में कुछ जगहों पर पैदल सेना की टुकड़ियों और एक बख्तरबंद ब्रिगेड को भी तैनात किया है।

इससे पहले सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने एलएसी पर अग्रिम क्षेत्रों में अभियान की निगरानी कर रहे सेना के सभी वरिष्ठ कमांडरों को आदेश दिया कि उच्च स्तर की सतर्कता बरती जाए और चीन के किसी भी ‘‘दुस्साहस’’ से निपटने के लिए आक्रामक रुख बरकरार रखा जाए। इसके अलावा भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में और एलएसी पर अन्य सभी संवेदनशील क्षेत्रों में कड़ाके की सर्दी के मौसम में एलएसी पर सैनिकों और हथियारों की मौजूदा संख्या बरकरार रखने के लिए विस्तृत योजना तैयार की है।

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