नई दिल्ली: भारत सरकार ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 के लिए नियमों को अधिसूचित कर दिया है। इसके तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र लोगों के लिए एक पोर्टल ‘लॉन्च’ किया जा चुका है। हालांकि अब भी इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजियों का दौर जारी है। इसी मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पीओके के लोगों को भारतीय नागरिकता देने के सवाल पर अहम टिप्पड़ी की।
एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा, "पाक अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा है, इसमें हिंदू-मुसलमान का सवाल ही पैदा नहीं होता है। हां जो मुसलमान हैं, वो भी हमारे हैं, और जो हिंदू हैं, वो भी हमारे हैं।"
नागरिकता (संशोधन) अधिनियम का विरोध कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयानों पर अमित शाह ने कहा, "केजरीवाल जी बिना कुछ पढ़े बोलने के लिए माहिर व्यक्ति हैं। इन्होंने कानून ही नहीं पढ़ा है। शरणार्थियों को जेब कतरे और रेपिस्ट कहना ये ठीक नहीं है। मैं केजरीवाल से सिर्फ इतना ही कहता हूं कि जो बांग्लादेश से रोहिंग्या और घुसपैठिए आए हैं इनके लिए वे एक शब्द भी नहीं बोले।"
वन नेशन, वन इलेक्शन के मुद्दे पर गृहमंत्री ने कहा, "वन नेशन, वन इलेक्शन के पीछे नरेन्द्र मोदी जी और भाजपा का विचार ये है कि इस देश में बार-बार चुनाव होते रहते हैं और जनता चुनावों में बिजी रही है और इससे रिपिटेड खर्च होता है। साथ ही कोड ऑफ कंडक्ट के कारण विकास के बहुत सारे कार्य रूक जाते हैं। वन नेशन, वन इलेक्शन... इसी के लिए एक सॉल्यूशन है।"
इलेक्टोरल बॉन्ड पर आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर अमित शाह ने कहा, "इलेक्टोरल बॉन्ड भारतीय राजनीति में से कालेधन के वर्चस्व को समाप्त करने के लिए लाया गया था। सुप्रीम कोर्ट जो फैसला देता है उसे सभी को मानना पड़ता है। कांग्रेस को गोपनियता से कोई मतलब नहीं है, क्योंकि जब वो (कांग्रेस पार्टी के नाम पर) 1100 रुपए चंदा लेते हैं तो 100 रुपए पार्टी में जमा कराते हैं और 1000 रुपए अपने घर में रख लेते हैं। कांग्रेस पार्टी ने सालों तक यही व्यवस्था चलाई है।"