Google Doodle Arati Saha: गूगल आज अपने बेहद खास डूडल के जरिए आरती शाह को उनके जन्मदिन पर याद कर रहा है। आरती शाह आज इस दुनिया में होती तो ये उनका 80वां जन्मदिन होता। एक शानदार तैराक और ओलंपियन आरती साहा दुनिया की सबसे खास शख्सियतों में इसलिए शुमार हैं क्योंकि 42 मील तक तैरते हुए इंग्लिश चैनल पार करने वाली पहली एशियाई महिला हैं।
ये कारनामा उन्होंने 29 सितंबर 1959 को किया था और तब पूरी दुनिया उनकी मुरीद हो गई थी। आरती ने फ्रांस के केप ग्रिस नेज से तैरना शुरू किया था और इंग्लैंड के सैंडगेट तक पहुंची। उन्होंने बाद में अपने इंटरव्यू में पत्रकारों को बताया था कि वे भारतीय तैराक मिहिर सेन से काफी प्रभावित रही थीं।
Google Doodle Arati Saha: आरती साहा को याद करता गूगल का खास डूडल
गूगल का आज का डूडल कोलकाता की आर्टिस्ट लावन्या नायडू ने बनाया है। नायडू को उम्मीद है कि इस डूडल के जरिए देश के कई लोगों को कुछ बड़ा सपना देखने और उसे पूरा करने की प्रेरण मिलेगी। वैसे खास ये भी है कि आरती साहा का जन्म भी कोलकाता में हुआ था। 24 सितंबर, 1940 को जन्मीं आरती बचपन से खेल-कूद में आगे रहीं और केवल 5 साल की उम्र में तैराकी में गोल्ड मेडल जीता था।
आरती साहा ने ओलंपिक में किया भारत का प्रतिनिधित्व
आरती साहा ने अपने शुरुआती करियर में कई मेडल जीते। इसमें 1949 में तैराकी में राष्ट्रीय स्तर पर एक रिकॉर्ड स्थापित करना और 1951 में पश्चिम बंगाल स्टेट मीट में डॉली नजीर का राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ना शामिल रहा। नजीर और साहा ने 1952 के ओलंपिक में एक साथ भारत का प्रतिनिधित्व भी किया।
ओलंपिक के बाद साहा ने ब्रेस्टस्ट्रोक के अभ्यास पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें वो हमेशा से अच्छी रहीं। साथ ही उन्होंने गंगा में लंबी दूरी की तैराकी प्रतियोगिता में भी भाग लेना शुरू कर दिया। वह 1952 में इंग्लिश चैनल को पार करने वाले पहले एशियाई तैराक बने बेंग्लादेशी तैराक ब्रजेन दास से भी मिलने गईं और उन्हें बधाई दी।
Google Doodle Arati Saha: पहली कोशिश हुई थी नाकाम
आरती साहा 24 जुलाई 1959 को इंग्लैंड पहुंची। इंग्लिश चैनल को पार करने का उनका पहला प्रयास दरअसल अधूरा रह गया था। उनकी पायलट नाव लगभग एक घंटे की देरी से पहुंची और ऐसे में वह अनुकूल परिस्थितियों के अनुसार अपनी तैयारी शुरू नहीं कर सकीं। साहा तब इंग्लिश चैनल में पांच मील अंदर आ गई थीं, लेकिन सुरक्षा कारणों से वापस मुड़ना पड़ा।
इसके बाद 29 सितंबर 1959 को आरती साहा ने इंग्लिश चैनल को पार करने का अपना दूसरा प्रयास किया। उन्होंने 16 घंटे और 20 मिनट में 42 मील की दूरी पार की। जब वे तट पर पहुंची, तो भारत का झंडा लहराया। उन्हें 1960 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया। आरती साहा का निधन 23 अगस्त 1994 को कोलकाता में हुआ।