लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले अब राजनीतिक गहमा-गहमी तेज हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के 9 विधायकों ने मंगलवार सुबह सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की।
सूत्रों के अनुसार ये विधायद जल्द सपा का दामन थाम सकते हैं। बसपा चीफ मायावती हालांकि इन विधायकों को निष्कासिक कर चुकी हैं। अखिलेश यादव से मिलने वाले विधायकों में असलम रैनी, असलम अली चौधरी, मुजतबा सिद्दिकी, हकील अली बिंड, हरगोविंद भार्गव, सुषमा पटेल, वंदना सिंह, रामवीर उपाध्याय और अनिल सिंह शामिल हैं।
बसपा के लिए मुश्किल रही है राह
बसपा ने दरअसल 2017 के विधानसभा चुनाव में 19 सीटें जीती थी और उप-चुनाव में एक सीट उसे हारनी पड़ी। उसके बाद से 11 विधायक निष्कासित किए जा चुके हैं। बसपा ने सात विधायकों ने पिछले साल राज्य सभा चुनाव के दौरान पार्टी लाइन से अलग जाने के लिए निष्कासित किया था।
ऐसे में पार्टी के पास अभी केवल 7 विधायक हैं। वहीं निष्कासित विधायकों को अभी अयोग्य घोषित नहीं किया गया है।
सबसे हाल में बसपा ने जिन जो विधायकों को निष्कासित किया था उसमें पार्टी के सीनियर नेता रहे लालजी वर्मा और राम आचल राजभर शामिल हैं। इन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगा था। हालांकि, मंगलवार को अखिलेश से मुलाकात करने वाले विधायकों में वे शामिल नहीं थे।
बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में इन दो नेताओं को बसपा से निकाला गया था। उस समय भी चर्चा थी कि वर्मा और राजभर दोनों सपा के नेताओं के संपर्क में हैं। वर्मा ने हालांकि इन चर्चाओं को सिरे से खारिज किया था।
अंबेडकर नगर की कटेहरी सीट से विधायक लालजी वर्मा और अंबेडकर नगर के ही अकबरपुर क्षेत्र से पार्टी विधायक और बसपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर को हाल में संपन्न पंचायत चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप में तत्काल प्रभाव से बसपा से निष्कासित किया गया था।