लाइव न्यूज़ :

विधानसभा चुनावः आंतरिक कलह और गुटबाजी के कारण बार-बार हार रही कांग्रेस, अशोक चव्हाण रिपोर्ट में खुलासा

By शीलेष शर्मा | Updated: June 10, 2021 21:06 IST

यह खुलासा कमेटी की उस रिपोर्ट में किया गया है, जो अशोक चव्हाण के नेतृत्व में चुनाव में हार के कारणों का पता लगाने के लिये सोनिया गाँधी ने गठित की थी।

Open in App
ठळक मुद्देबदरुद्दीन अज़मल की पार्टी एआईयूडीएफ से कांग्रेस के साथ हुये चुनावी समझौते को कारण बताया जा रहा है। एआईयूडीएफ से अगर कांग्रेस समझौता नहीं करती तो पार्टी का प्रदर्शन और भी खराब होता।आपसी गुटबंदी ने कार्यकर्ताओं को भी गुटों में बाँट दिया तथा उनके बीच कोई समन्वय नहीं था।

नई दिल्लीः असम और केरल जैसे राज्यों में कांग्रेस को आंतरिक कलह और गुटबाजी के कारण हार का मुंह देखना पड़ा।

यह खुलासा कमेटी की उस रिपोर्ट में किया गया है, जो अशोक चव्हाण के नेतृत्व में चुनाव में हार के कारणों का पता लगाने के लिये सोनिया गाँधी ने गठित की थी। कमेटी के एक सदस्य ने लोकमत से बातचीत करते हुए कहा कि समाचार पत्रों में छपी खबरें निराधार हैं।

जिनमें असम में हुई पराजय के लिये बदरुद्दीन अज़मल की पार्टी एआईयूडीएफ से कांग्रेस के साथ हुये चुनावी समझौते को कारण बताया जा रहा है। हक़ीक़त यह है कि राज्य स्तर पर प्रदेश के नेताओं के बीच आपसी गुटबंदी ने कार्यकर्ताओं को भी गुटों में बाँट दिया तथा उनके बीच कोई समन्वय नहीं था।

एआईयूडीएफ से अगर कांग्रेस समझौता नहीं करती तो पार्टी का प्रदर्शन और भी खराब होता। केरल की चर्चा करते हुए कमेटी के इस सदस्य ने बताया कि राहुल गांधी की मौजूदगी के बावजूद ओमान चांडी तथा रमेश चेन्निथला आपस में ही गुटबाज़ी कर एक दूसरे को नुकसान पहुँचाने में लगे रहे नतीजा कांग्रेस चुनाव हार गयी।

पार्टी के प्रभारी महासचिव तारिक़ अनवर ने भी इस बात को स्वीकार किया कि पार्टी नेताओं की आपसी गुटबाज़ी ने चुनाव में पार्टी का भारी नुकसान किया। पार्टी के वरिष्ठ नेता मानते हैं कि आंतरिक गुटबाज़ी कोई नई बात नहीं है लेकिन सत्ता से कांग्रेस के बाहर होने के बाद से हर राज्य में गुटबाज़ी तेज़ हो गयी है।

हार्दिक पटेल इसी गुटबाज़ी के कारण आलाकमान को कांग्रेस छोड़ने की धमकी भी दे चुके हैं। पंजाब ,राजस्थान ,छत्तीसगढ़ सहित सभी राज्यों में कांग्रेस खेमों में बंट चुकी है लेकिन नेतृत्व उसका कोई समाधान नहीं खोज रहा है जिससे गुटबाज़ी बढ़ती जा रही है। 

टॅग्स :कांग्रेसकेरलअसमसोनिया गाँधीराहुल गांधी
Open in App

संबंधित खबरें

भारत14 दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस की जनसभा, उप्र कांग्रेस नेताओं के साथ प्रियंका गांधी और केसी वेणुगोपाल की बैठक

क्राइम अलर्टअरुणाचल प्रदेश: 1,000 फुट गहरी खाई में ट्रक, सवार थे 22, 18 की मौत, 3 लापता और 1 जीवित

भारतकौन हैं मोहम्मद मुकिम?, सोनिया गांधी को पत्र लिखकर ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास के नेतृत्व पर उठाए सवाल

भारतपूरे देश ने देखा अमित शाह मानसिक रूप से बहुत दबाव में हैं, राहुल गांधी ने कहा- संसद में बहुत ‘नर्वस’ नजर आए और बहस की चुनौती पर कोई जवाब नहीं दिया

भारतAssam: गुवाहाटी में कमर्शियल बिल्डिंग में लगी आग, 24 घंटों से ज्यादा समय से बुझाने की कोशिश, कई एजेंसियां बचाव कार्य में जुटी

भारत अधिक खबरें

भारतजदयू के संपर्क में महागठबंधन के 17-18 विधायक?, बिहार विधानसभा चुनाव के बाद 'खेला', प्रवक्ता नीरज कुमार का दावा

भारतपीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से बात की, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर की चर्चा

भारतवक्फ दस्तावेजः अपलोड की समयसीमा 1 साल और बढ़ाने की मांग, मंत्री किरेन रीजीजू से मिले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सदस्य

भारतवन और पुलिस विभाग में 3-3 और अन्य विभागों में 2 प्रतिशत आरक्षण लागू, खिलाड़ियों को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने दिया तोहफा

भारतDelhi Riots Case: उमर खालिद को बहन की शादी में शामिल होने के लिए 2 हफ़्ते की अंतरिम ज़मानत मिली