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जोड़ों और कंधों में चिकनाहट बढ़ाने के लिए खायें ये 6 चीजें, दर्द, सूजन, गठिया से मिलेगा छुटकारा, हड्डियां होंगी मजबूत

By उस्मान | Updated: February 18, 2020 10:13 IST

जोड़ों में चिकनाहट कम होना आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस, बर्साइटिस, गाउट, स्ट्रेन, मोच रोग जैसी समस्याओं का एक बड़ा कारण है। 

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उम्र के बढ़ने के साथ ही इंसान के शरीर में कई तरह की कमजोरी आने लगती हैं। उनमें से एक है जोड़ों का दर्द। आजकल इस समस्या से ना सिर्फ बुजुर्ग बल्कि युवा पीढ़ी भी परेशान है। ऑस्टियोअर्थराइटिस एक आम समस्या बन गई है। अर्थराइटिस में जोड़ों के कार्टिलेज घिस जाते हैं और उनमें चिकनाहट कम होने लगती है।

जोड़ों में चिकनाहट कम होना आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस, बर्साइटिस, गाउट, स्ट्रेन, मोच रोग जैसी समस्याओं का एक बड़ा कारण है। 

डॉक्टरों के मुताबिक किसी व्यक्ति का वजन और फिजिकल एक्टिविटी का जोड़ों के स्वास्थ्य में अहम रोल होता है। ज्यादा वजन होने से सारा भार जोड़ों पर पड़ता है। जिसके कारण धीरे-धीरे जोड़ो की चिकनाहट कम होती चली जाती है। इसलिए आपको जोड़ों के दर्द और जोड़ों में सूजन की समस्या होने लगती है।

हम आपको कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं जिनके नियमित प्रयोग से आपके जोड़ों में चिकनाहट बनी रह सकती है और आप जोड़ों के दर्द व ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से पूरी तरह से निजात पा सकते हैं। इसके अलावा कमर दर्द और हड्डि‍यों के दर्द में राहत मिल सकती है।  वर्कआउट करेंवर्कआउट करने से आपके जोड़ों में अधिक चिकनाई आती है। यह आपके चिकनाई वाले तरल पदार्थ में अधिक पानी छोड़ता है जिससे यह कार्टिलेज सरफेस पर अधिक आसानी से फैलता है। इसके लिए आपको रोजाना सुबह जोड़ों के लिए एक्सरसाइज करनी चाहिए।

ओमेगा-3 आपको नियमित रूप से ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इससे रक्त वाहिकाओं में सूजन को रोकने और जोड़ों में चिकनाहट पैदा करने में मदद मिलती है। ओमेगा-3 से भरपूर चीजों में सैल्मन मछली, ट्राउट, जैतून का तेल, नट्स, एवोकाडोस और डीएचए से भरपूर सप्लीमेंट शामिल हैं।

केलाआपको बता दें कि केले के अंदर भरपूर मात्रा में फाइबर पाया जाता है। इसे खाने से आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है। वही एवोकाडो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होता है और एंटी इन्फ्लेमेटरी से भरपूर माना जाता है। यह ओमेगा फैटी एसिड का एक और अच्छा स्त्रोत होता है।

पपीतापपीता विटामिन सी, विटामिन के और एंजाइमों का भंडार होता है। विटामिन सी गठिया के विकास की संभावना को कम करने में मदद करता है। और विटामिन ई क्षति को कम करने के लिए एक और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है।

सेबसेब में भरपूर मात्रा में क्वेरसेटिन होता है, जो कार्टिलेज के एक मुख्य घटक कोलेजन का निर्माण करने में मदद करता है। सेब में त्वचा, कार्टिलेज और हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ रखने की क्षमता होती है।

लहसुन और जड़ वाली सब्जियांलहसुन, प्याज, अदरक और हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि ये तीखी जड़ वाली सब्जियां गठिया और अन्य जोड़ों के दर्द के लक्षणों के उपचार में उपयोगी हो सकती हैं।  

नट्स और बीजओमेगा-3 एस विभिन्न प्रकार के नट्स और बीजों में भी पाया जाता है। आप नियमित रूप से अखरोट, बादाम, चिया सीड्स या पाइन नट्स खा सकते हैं। इन्हें खाने से जोड़ों और टिश्यू में सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। 

ब्लूबेरीफलों में भारी मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। शरीर में सूजन को कम करने में कुछ फल दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावी होते हैं। हड्डियों की समस्याओं से राहत पाने के लिए आपको ब्लूबेरी जैसे फलों का सेवन करना चाहिए। इनमें एन्थोकायनिन होता है, जो एक शक्तिशाली फ्लेवोनोइड्स है. यह शरीर में एंटी इंफ्लेमेटरी प्रतिक्रियाओं को खत्म करने में प्रभावी है।फलों में भारी मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। शरीर में सूजन को कम करने में कुछ फल दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावी होते हैं। हड्डियों की समस्याओं से राहत पाने के लिए आपको ब्लूबेरी जैसे फलों का सेवन करना चाहिए। इनमें एन्थोकायनिन होता है, जो एक शक्तिशाली फ्लेवोनोइड्स है. यह शरीर में एंटी इंफ्लेमेटरी प्रतिक्रियाओं को खत्म करने में प्रभावी है।

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