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Online Gaming Bill: टीम इंडिया टाइटल प्रायोजक ड्रीम 11, आईपीएल का ‘माई11 सर्कल’?, बीसीसीआई को लगेगा अरबों का झटका, देखिए आंकड़े

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 20, 2025 18:16 IST

Online Gaming Bill: ड्रीम 11 ने भारतीय टीम के टाइटल अधिकार लगभग 44 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 358 करोड़ रुपये) में खरीदे। माई11 सर्कल ने आईपीएल फैंटेसी गेमिंग अधिकार पांच वर्षों के लिए 625 करोड़ रुपये (लगभग 125 करोड़ रुपये प्रति वर्ष) में खरीदे।

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ठळक मुद्देफैंटेसी स्पोर्ट्स भागीदार वास्तविक धन वाला ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म ‘माई11 सर्कल’ है।भारतीय क्रिकेट और उसकी संपत्तियों के लिए प्रायोजकों की कोई कमी नहीं होगी।मान लीजिए कि आप किसी गेमिंग ऐप के लिए 100 रुपये का भुगतान करते हैं।

नई दिल्लीः लोकसभा में बुधवार को पेश किए गए ‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन विधेयक 2025’ ‘वास्तविक धन वाले ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म’ का अंत कर सकता है जिनकी भारतीय खेलों, विशेषकर क्रिकेट के प्रायोजन बाजार में हिस्सेदारी है। इस विधेयक का उद्देश्य तेजी से बढ़ते उद्योगों में से एक को विनियमित करना है जो देश के ई-स्पोर्ट्स जगत के लिए एक सुखद खबर है। लेकिन अरबों डॉलर के ‘फैंटेसी गेमिंग’ उद्योग के राजस्व में भारी गिरावट देखी जा सकती है जिसमें क्रिकेट के प्रायोजन में बड़ी रकम खर्च करने वाली कंपनियां शामिल हैं।

एक श्रृंखलाबद्ध प्रतिक्रिया के रूप में यह खेल प्रायोजन बाजार को भी प्रभावित कर सकता है जिसमें व्यक्तिगत खिलाड़ियों का प्रायोजन और कबड्डी तथा फुटबॉल जैसे खेलों की फ्रैंचाइजी आधारित घरेलू लीग शामिल हैं। ऑनलाइन गेमिंग विनियमन विधेयक में एक नियामक संस्था बनाने की बात है जो ई-स्पोर्ट्स, एजुकेशनल गेमिंग, सोशल और कैजुअल गेमिंग और पैसे के वास्तविक लेनदेन की गेमिंग चार विविध क्षेत्रों को देखेगी । पीटीआई के पास मौजूद दस्तावेज के अनुसार इनमें से ‘ऑनलाइन मनी गेम्स’ पर प्रतिबंध लगेगा।

‘प्रतिबंध’ अनुच्छेद के अनुसार: ‘‘कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन मनी गेम और ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवा की पेशकश में सहायता, प्रोत्साहन, प्रेरित करने या अन्यथा इसमें शामिल नहीं होगा। ’’ इसमें कहा गया, ‘‘कोई भी बैंक, वित्तीय संस्थान, या वित्तीय लेनदेन या धन के प्राधिकरण की सुविधा देने वाला कोई अन्य व्यक्ति किसी भी ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवा के भुगतान के लिए धन के किसी भी लेनदेन या प्राधिकरण में संलग्न नहीं होगा, सहायता नहीं करेगा, प्रेरित नहीं करेगा या अन्यथा सुविधा नहीं देगा। ’’

सरकार स्पष्ट करती है कि वास्तविक धन वाले ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म से कई सामाजिक समस्याएं पैदा हो रही हैं और इसके लिए किसी प्रकार के नियमन की आवश्यकता है। क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें वास्तविक धन की गेमिंग का चलन काफी बढ़ गया है और भारतीय टीम का टाइटल प्रायोजक ड्रीम 11 है।

वहीं इंडियन प्रीमियर लीग का आधिकारिक फैंटेसी स्पोर्ट्स भागीदार वास्तविक धन वाला ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म ‘माई11 सर्कल’ है। ड्रीम 11 ने भारतीय टीम के टाइटल अधिकार लगभग 44 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 358 करोड़ रुपये) में खरीदे। माई11 सर्कल ने आईपीएल फैंटेसी गेमिंग अधिकार पांच वर्षों के लिए 625 करोड़ रुपये (लगभग 125 करोड़ रुपये प्रति वर्ष) में खरीदे।

इसके अलावा देश के शीर्ष क्रिकेटरों (पूर्व और वर्तमान) के विभिन्न वास्तविक धन वाले गेमिंग प्लेटफार्म के साथ भारी-भरकम व्यक्तिगत विज्ञापन करार हैं। इस विषय की गहरी समझ रखने वाले जाने-माने खेल वकील विदुषपत सिंघानिया ने इसके परिणामों को संक्षेप में समझाया। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में क्रिकेट बहुत बड़ा है और भारतीय क्रिकेट और उसकी संपत्तियों के लिए प्रायोजकों की कोई कमी नहीं होगी।

हालांकि इस विधेयक के कारण व्यक्तिगत प्रायोजन बाजार सिकुड़ सकता है। ’’ सिंघानिया ने बताया, ‘‘इसके अलावा प्रशंसकों की भागीदारी भी प्रभावित होगी।’’ हालांकि उन्होंने कहा कि फैंटेसी गेम्स अभी भी ‘सब्सक्रिप्शन आधारित मॉडल’ पर चल सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘एक ‘सब्सक्रिप्शन’ शुल्क होगा। मान लीजिए कि आप किसी गेमिंग ऐप के लिए 100 रुपये का भुगतान करते हैं।

और फैंटेसी गेमिंग में अपने कौशल को देखते हैं। लेकिन वास्तविक धन वाली गेमिंग इस विधेयक के अनुसार प्रतिबंधित है जिसमें पैसे देकर कमाई की जाती है। ’’ इन सभी फैंटेसी गेमिंग ऐप का इतना विशाल राजस्व स्रोत प्रतिबंध के कारण निश्चित रूप से कम हो जाएगा और इसलिए खेल में वापस आने वाला पैसा भी काफी कम हो जाएगा। लेकिन ईस्पोर्ट्स बाजार के लिए यह खुशी की बात है।

ईस्पोर्ट्स ने 2023 में हांग्झोउ एशियाई खेलों में अपनी शुरुआत की और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति 2027 में रियाद में अपना पहला ईस्पोर्ट ओलंपिक आयोजित करेगी। इस पर अपने विचार साझा करते हुए ‘नोडविन गेमिंग’ के सह संस्थापक और प्रबंध निदेशक अक्षत राठी कहते हैं, ‘‘ईस्पोर्ट्स को मान्यता देने और बढ़ावा देने का सरकार का इरादा एक उत्साहजनक कदम है।

हालांकि इस दृष्टिकोण को वास्तव में साकार करने के लिए यह महत्वपूर्ण है कि विधेयक में प्रयुक्त शब्दावली विशेष रूप से ईस्पोर्ट्स, ऑनलाइन गेमिंग, ऑनलाइन सोशल गेमिंग और ऑनलाइन मनी गेमिंग के बीच के अंतर को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाए और समान रूप से समझा जाए। ’’

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