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सरकार निर्यातकों को 56,027 करोड़ रुपये का लंबित कर रिफंड जारी करेगी

By भाषा | Updated: September 9, 2021 21:03 IST

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नयी दिल्ली 09 सितंबर सरकार निर्यातक समुदाय को बड़ी राहत देने जा रही है। सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह विभिन्न निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के तहत लंबित 56,027 करोड़ रुपये का कर रिफंड निर्यातकों को जारी करेगी।

वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि यह राशि 45,000 से अधिक निर्यातकों को वितरित की जाएगी।

विभिन्न निर्यात प्रोत्साहन योजनाओं के तहत जारी किया जा रहे 56,027 करोड़ रुपये, निर्यातित उत्पादों पर शुल्क और कर छूट योजना (आरओडीटीईपी) के तहत 12,454 करोड़ रुपये और राज्य-केंद्रीय लेवी और करों (आरओएससीटीएल) योजना के तहत 6,946 करोड़ रुपये की छूट की घोषणा से अलग है।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वास्तव में निर्यातकों के सभी पुराने बकाये जारी किये जायेंगे और उसके अलावा चालू वित्त वर्ष के भी 19,000 करोड़ रुपये उन्हें लौटाये जायेंगे। कुल मिलाकर करीब 75,000 करोड़ रुपये निर्यातकों को दिये जायेंगे। इससे हमारे निर्यातकों की नकदी की समस्या काफी हद तक दूर होगी।

मंत्रालय के अनुसार 56,027 करोड़ रुपये की बकाया राशि विभिन्न निर्यात प्रोत्साहन एवं छूट योजनाओं के तहत है। इनमें एमईआईएस योजना के 33,010 करोड़, एसईआईएस योजना के 10,002 करोड़, आरओएससीटीएल योजना के 5,286 करोड़ रुपये, आरओडीटीईपी योजना के 2,568 करोड़ तथा अन्य योजनाएँ जैसे टारगेट प्लस आदि के 4,831 करोड़ रुपये हैं।

गोयल ने कहा, ‘‘इस वित्तीय वर्ष के भीतर सभी लंबित निर्यात प्रोत्साहनों को पूरा करने के इस निर्णय से आने वाले महीनों में निर्यातकों कानकदी प्रवाह बेहतर होगा और वह बढ़ती निर्यात मांग को पूरा कर सकेंगे। इसके साथ ही चालू वित्त वर्ष के दौरान 400 अरब डालर के निर्यात लक्ष्य को हासिल करने में भी इससे मदद मिलेगी।’’

इसके अलावा सेवा क्षेत्र के यात्रा, पर्यटन और हॉस्पिटेलिटी क्षेत्र से जुड़े निर्यातक भी वित्त वर्ष 2019-2020 के लिए एसईआईएस लाभों का दावा करने में सक्षम होंगे, जिसके लिए 2,061 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

वर्ष 2019- 20 के लिये सेवा श्रेणियों और दरों में किये गये बदलावों को अधिसूचित किया जा रहा है। इस समर्थन का कई गुणा बेहतर प्रभाव होगा और साथ ही रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा।

निर्यातकों को पिछले सालों के जो भी उनके दावे हैं वह 31 दिसंबर 2021 तक दाखिल करने होंगे उसके बाद यह समय सीमा से बाहर हो जायेंगे।

आनलाइन आईटी पोर्टल जल्द ही एमईआईएस और अन्य रसीद आधारित आवेदनों को स्वीकार करने लगेगा। उसके बाद इसे वित्त मंत्रालय द्वारा स्थापित प्रणाली के साथ जोड़ दिया जायेगा। इसमें बजट व्यवसथा के तहत निर्यात प्रोत्साहनों के निगरानी और उनके वितरण पर नजर रखी जायेगी।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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