मुंबई: दिग्गज अदाकारा वहीदा रहमान (Waheeda Rehman) ने हाल ही में अपने पहले डांस परफॉर्मेंस को लेकर यादें ताजा कीं। वह अरबाज खान (Arbaaz Khan) के चैट शो द इनविंसिबल्स के नए एपिसोड में मेहमान बनीं, जहां उन्होंने फिल्म उद्योग में अपनी यात्रा के बारे में बात की और कई ज्ञात-अज्ञात तथ्यों को साझा किया। उन्होंने कहा कि वह तब नृत्य सीखना चाहती थी जब वह केवल 7 से 8 वर्ष की थी।
वहीदा रहमान ने 17 साल की उम्र में तेलुगु फिल्म रोजुलु मरई (1955) से अभिनय की शुरुआत की। नृत्य उनके करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा। उन्होंने प्यासा (1957), कागज के फूल (1959), चौदहवीं का चांद (1960) और साहिब बीबी और गुलाम (1962) जैसी हिट फिल्में दीं। उन्हें आखिरी बार आमिर खान-स्टारर रंग दे बसंती (2006) और सोनम कपूर की दिल्ली 6 (2009) में देखा गया था।
अरबाज से वहीदा ने कहा कि उन्होंने भारत के पहले वायसराय सी राजगोपालाचारी के लिए प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा, "सी राजगोपालाचारी का प्रोग्राम बना विशाखापत्तनम आने के लिए, जहां मेरे पिताजी तैनात थे। उन्होंने कहा कमला लक्ष्मण, एमएस सुब्बुलक्ष्मी को बुलाओ...और पता नहीं किससे...तो दिल्ली से एक टेलीग्राम आया ये कहते हुए कलाकार को स्थानीय होना चाहिए; विशाखापत्तनम के बाहर का कोई नहीं।"
वहीदा ने कहा, "फिर उन्होंने इधर-उधर ढूंढा तो कोई वीणा बजाने वाले मिल गए, डांस का किसी का हो नहीं रहा था। तो उन्होंने मेरे पिता को मुझसे परफॉर्म करने के लिए राजी किया। शो में मेरे नाम की घोषणा के बाद सी राजगोपालाचारी ने कहा कि कैसे एक मुस्लिम लड़की भरतनाट्यम नृत्य कर रही है।" उन्होंने यह भी कहा कि राजगोपालाचारी ने उनके पिता की भी प्रशंसा की, जिन्होंने उस समय आईएएस अधिकारी के रूप में काम किया था।