US Elections Result 2024: डोनाल्ड ट्रम्प दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित हो गए हैं. उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की भारतीय मूल की उम्मीदवार कमला हैरिस को मात दी है. अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर पूरी दुनिया की नजरें रहती हैं, क्योंकि जो भी अमेरिका का राष्ट्रपति बनता है, उसकी नीतियां विश्व को व्यापक रूप से प्रभावित करती हैं. इससे भारत भी अछूता नहीं रहता. पिछले कुछ दशकों में वैश्विक पटल पर भारत ने अपनी स्थिति को काफी मजबूत किया है और अमेरिका की विदेश नीति में भारत को काफी महत्वपूर्ण स्थान मिलने लगा है.
ट्रम्प के पिछले कार्यकाल में भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूती का नया आयाम मिला था. इसलिए ट्रम्प और कमला हैरिस के बीच मुकाबले के परिणाम पर भारतीयों की भी गहरी नजर रही. ट्रम्प का फिर से अमेरिका का राष्ट्रपति बनना भारत के व्यापक हित में है. राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान ट्रम्प ने कई बार भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना प्रगाढ़ मित्र बताकर उनका नाम लिया.
उन्होंने पाकिस्तान पर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक का भी खुलकर समर्थन किया था और चुनाव के दौरान ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर एक पोस्ट में राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर भारत के साथ संबंधों को और मजबूत बनाने की इच्छा जताई थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की निंदा करते हुए की थी और कहा था कि अपने शासन में वह भारत और अपने दोस्त नरेंद्र मोदी के साथ संबंधों को और व्यापक तथा मजबूत बनाने का प्रयास करेंगे. उन्होंने निवर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन पर अमेरिका में हिंदुओं के हितों की अनदेखी करने का आरोप भी लगाया था.
ट्रम्प का यह संदेश इस बात का संकेत है कि अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने भारत को जो महत्व दिया था, उस सिलसिले को भविष्य में भी जारी रखेंगे. राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान ट्रम्प ने भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को ज्यादा मजबूत बनाने का मतदाताओं से वादा किया था. ट्रम्प के दोबारा राष्ट्रपति बनने से चीन तथा पाकिस्तान के विरुद्ध भारत की स्थिति मजबूत हो जाएगी.
पाकिस्तान तथा चीन को लेकर जो बाइडेन प्रशासन का रवैया भारत के ज्यादा अनुकूल नहीं था. बाइडेन चीन को साथ लेकर चलने पर जोर देते रहे हैं, लेकिन ट्रम्प चीन को अमेरिका का सबसे कट्टर प्रतिद्वंद्वी समझते हैं. चीन और पाकिस्तान के गठजोड़ को ट्रम्प अमेरिका के खिलाफ समझते हैं और उनके विरुद्ध अमेरिका की राजनीति में वह भारत को अहम साझेदार मानते हैं.
भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिहाज से राष्ट्रपति के रूप में ट्रम्प की वापसी भारत के लिए शुभ संकेत है. चीनी उत्पादों को ट्रम्प पसंद नहीं करते. इसके बदले वह भारतीय उत्पादों को तरजीह देते हैं. इससे अमेरिका को भारतीय वस्तुओं के निर्यात को प्रोत्साहन मिलेगा. ट्रम्प ने अपने पहले कार्यकाल में भारत के साथ बड़े रक्षा सौदों को अंतिम रूप दिया था.
उनके दूसरे कार्यकाल में भारतीय सैन्य उपकरणों का निर्यात अमेरिका को ज्यादा हो सकता है. इसके अलावा सैन्य क्षेत्र में अमेरिका की टेक्नोलॉजी का फायदा भारत में अत्याधुनिक सैन्य उपकरणों के उत्पादन को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा. अमेरिका और भारत के बीच औद्योगिक सहयोग का दायरा काफी बढ़ा है.
भारतीय औद्योगिक उत्पादों को ट्रम्प प्रशासन पहले कार्यकाल में ही महत्व देता रहा है और दूसरे कार्यकाल में यह सहयोग ज्यादा मजबूत होगा. ट्रम्प की व्यापार नीतियां भारत के अनुकूल रही हैं. चुनाव प्रचार के दौरान ट्रम्प ने भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई प्रदान करने का वादा किया था.
अमेरिका के प्रशासन, राजनीति, व्यापार, उद्योग तथा आईटी क्षेत्र में भारतीयों का जो दबदबा है, उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि ट्रम्प के दूसरे कार्यकाल में भी दोनों देशों के व्यापारिक संबंध ऐतिहासिक ऊंचाई को स्पर्श कर सकते हैं. इस वक्त भारत तथा अमेरिका के बीच 200 अरब डॉलर का कारोबार होता है.
ट्रम्प के भारत के प्रति अनुकूल रवैये से अगले चार वर्षों में दोनों देशों के बीच कारोबार में 100 अरब डॉलर की वृद्धि निश्चित रूप से हो सकती है. ट्रम्प की वापसी से चीन और पाकिस्तान को भारत के प्रति अपनी आक्रामक नीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है. जो बाइडेन प्रशासन का रुख चीन तथा पाकिस्तान के प्रति अपेक्षाकृत उदार रहा है.
इन देशों के विरुद्ध भारत को बाइडेन प्रशासन का पर्याप्त सहयोग तथा समर्थन नहीं मिला. इन देशों के विरुद्ध ट्रम्प के रूप में भारत को भरोसेमंद दोस्त मिला है. भारत और अमेरिका विश्व के दो सबसे सफल तथा सबसे बड़े लोकतंत्र हैं. वैश्विक शांति, स्थिरता तथा समृद्धि की दिशा में दोनों देश मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं.
इजराइल-हमास तथा यूक्रेन-रूस युद्ध खत्म करने, ईरान एवं इजराइल के बीच टकराव को बढ़ने से रोकने में ट्रम्प भारत के साथ निश्चित रूप से मिलकर काम करना चाहेंगे. कुल मिलाकर राष्ट्रपति के रूप में ट्रम्प की वापसी क्षेत्रीय तथा वैश्विक स्तर पर भारतीय हितों को मजबूत बनाएगी एवं दोनों देशों की दोस्ती को प्रगाढ़ बनाएगी.